खुद बैंक कर्मचारी ही लगा रहे हैं सरकारी बैंकों को ‘चूना’, सिर्फ 3 महीने हुआ 32 हजार करोड़ का ‘घपला’

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन-  आपको जानकर हैरानी होगी सरकारी बैंकों में होने वाले कई घोटालों के पीछे बैंक के ही कर्मचारियों की सांठगांठ होती है. यह खुलासा खुद वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हाल ही में किया है, जो की बेहद चौंकाने वाला है.

उन्होंने इसकी पुष्टि के लिए कुछ आंकड़े भी सामने रखें. उनके मुताबिक 1 अप्रैल से 30 जून के दौरान सरकारी क्षेत्र (PSU Bank) के बैंकों (PSB) में धोखाधड़ी के 2,480 मामले हुए, जिसमें 31,898.64 करोड़ रुपए की राशि शामिल थी. यह आंकड़ा उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हवाले से दिया है.

बता दें कि कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा ने सरकारी बैंक में बढ़ रहे धोखाधड़ी के मामलों को लेकर ठाकुर से एक प्रश्न पूछा था. उनका सवाल था- भारतीय स्टेट बैंक में बड़ी रकमों के घोटाले न रुक पाने के क्या कारण हैं? क्या इनमें बैंक के कर्मचारियों की संलिप्तता भी पाई गई है?  जिसके जवाब में ठाकुर ने यह चौंकाने वाले आंकड़ों का खुलासा किया. साथ ही में ठाकुर ने बताया कि पहले ऐसी धोखाधड़ियों में बैंकरों की भूमिका की गहनता से जांच नहीं होती थी. लेकिन अब इसमें कड़ाई बरती जाएगी.

धोखाधड़ी के मामलों में SBI टॉप पर  –

बता दें कि इस साल 1 अप्रैल से 30 जून तक सबसे ज्यादा 1,197 धोखाधड़ी के मामले SBI में हुए हैं. इसमें 12,012 करोड़ रुपये शामिल थे.

इस लिस्ट में  इलाहाबाद बैंक का स्थान दूसरा है. इस बैंक के 381 फ्रॉड के मामले सामने आए हैं, जिनमें 2,855 करोड़ रुपये की रकम शामिल थी.

वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 194 मामले हुए. इसमें 1,982 करोड़ रुपये की रकम शामिल है.

‘इन’ बैंकों के कर्मचारियों ने बैंको को लगाया चूना –

लगातार हो रहे धोखाधड़ी के मामलों का जब पता लगाने की कोशिश की गई तो सामने आया कि, इन करतूतों में बैंकों के कर्मचारियों व अधिकारी भी शामिल है. क्योंकि उनकी मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है.

-इलाहाबाद बैंक में हुई 87 धोखाधड़ी के मामलों में सरकार को कर्मचारियों के शामिल होने का पता चला है.

– वहीं राज्यसभा में पेश की गई कथित रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि स्टेट बैंक के 56 फर्जीवाड़े के मामलों में बैंक के कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई थी.

– पंजाब नेशनल बैंक के 27 मामलों में भी कर्मचारियों का हाथ पाया गया है.

धोखाधड़ी कम करने के लिए ‘यह’ कदम उठा रही है सरकार


(1)
 50 करोड़ रुपए से अधिक के सभी खाते, यदि उन्हें एनपीए में शामिल किया जा रहा है तो तो बैंकों द्वारा इनकी जांच संभावित धोखाधड़ी के दृष्टिकोण से की जाए. जांच के निष्‍कर्षों के आधार पर तैयार रिपोर्ट को एनपीए समीक्षा के लिए बैंक की समिति के समक्ष रखा जाए.

(2) RBI को धोखाधड़ी के बारे में सूचित करने के बाद जानबूझ के की गई गलती की तत्‍काल जांच शुरू की जाए.

(3) भगोड़े आर्थिक अपराधियों की सम्‍पत्ति की कुर्की. साथ ही इनकी सम्‍पत्ति को जब्‍त करने और अपराधियों को किसी सिविल दावे की पैरवी करने के हक से वंचित करने की व्‍यवस्‍था.

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