भाजपा ने जुटा लिया है बहुमत का आंकड़ा!

बेंगलुरु: कर्नाटक की राजनीति में आज का दिन काफी अहम् है। आज शाम चार बजे बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना है। कांग्रेस-जेडीएस को विश्वास है कि येदियुरप्पा इस अग्नि परीक्षा में फेल हो जाएंगे, क्योंकि उनके विधायक भाजपा से हाथ मिलाने वाले नहीं हैं। हालांकि सूत्रों की मानें तो भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा जुटाने के पूरे इंतजाम कर लिए हैं। कांग्रेस-जेडीएस के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग के लिए तैयार हो गए हैं। खासकर कांग्रेसी विधायकों का वो तबका जो जेडीएस को समर्थन देने से नाराज़ है, उसका भाजपा के पक्ष में जाना लगभग तय है। दरअसल, जेडीएस लिंगायत विरोधी पार्टी मानी जाती है ऐसे में यदि कांग्रेस के लिंगायत विधायक उसके समर्थन में आते हैं तो उन्हें समुदाय की नाराज़गी झेलनी पड़ सकती है। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय का काफी दबदबा है और येदियुरप्पा इस समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। लिंगायत समाज के लोग अपने समुदाय को बांटने की कांग्रेस की कोशिश से भी नाराज हैं। इसलिए इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि लिंगायत विधायक धर्म को पार्टी पर वरीयता दें।

आत्मविश्वास से लबरेज
कर्नाटक में बहुमत जुटाने की ज़िम्मेदारी संभालने वाले केंद्रीय नेताओं से लेकर भाजपा की राज्य इकाई के नेता भी आत्मविश्वास से लबरेज दिखाई दे रहे हैं। उनके चेहरे पर बहुमत को लेकर कोई चिंता नज़र नहीं आ रही है, इससे भी यह आभास होता है कि भाजपा ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ज़रूर पार्टी में हलचल पैदा हुई थी, लेकिन शनिवार होते-होते स्थिति सामान्य हो गई। एक भाजपा नेता ने कहा, “न हमें पहले कोई चिंता थी और न अब है। हम जानते हैं कि कर्नाटक में सरकार भाजपा को ही चलानी है। आज शाम चार बजे आप सब यह देख लेंगे कि बहुमत हमारे पास है।”

कुछ ऐसा है गणित
कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 222 सीटों पर आए नतीजों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। उसे 104 सीटें मिली हैं, लेकिन यह बहुमत से दूर है। बहुमत के लिए 112 विधायक जरूरी हैं और संख्या बल के लिहाज से भाजपा के 8विधायक कम हैं। कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं।