छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट देश का एक मात्र ऐसा हाईकोर्ट जहाँ जनहित याचिका दायर करने पर याचिकाकर्ता को पांच हजार रुपये सुरक्षा निधि जमा करनी पड़ती है। हलाकि इस पर याचिकाकर्ता व वकील अभिषेक पांडेय ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट रूल्स 2007 के नियम 81 को चुनौती देते हुए शुल्क माफ करने याचिका दायर की है। चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस पीपी साहू की डीबी में मामले की सुनवाई की सुनवाई हुई। डीबी ने रजिस्ट्रार जनरल व विधि विधायी विभाग से जवाब मांगा है।
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आगे उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति जनजाति व ओबीसी की बड़ी वर्ग है। लिहाजा पीआइएल में शुल्क निर्धारण करने से आर्थिक बोझ बढ़ेगा। याचिका में इस बात का हवाला दिया गया है कि वर्ष 2000 में राज्य निर्माण के साथ ही केंद्र सरकार ने बिलासपुर में हाईकोर्ट की स्थापना की थी।
सुप्रीम कोर्ट में भी नहीं है ऐसी प्रावधान
याचिका में सुप्रीम कोर्ट में लागू व्यवस्था का भी हवाला दिया गया है। जहां पीआइएल दायर करने पर शुल्क जमा नहीं करना पड़ता।