सभी आरोपी गांव के खानदानी परिवार से
बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए कॉलेज में भेजनेवाले बच्चे बस चंद पैसों के लिए चोर बन बैठे। मंचर पुलिस स्टेशन के पुलिस कर्मचारी वाघमारे व नाईकडे को एक वाहनचोर के बारे में गुप्त जानकारी मिली थी, पुलिस ने शुभम गोरक्षनाथ जाधव नामक युवक को हिरासत में लिया था। पुलिस पूछताछ में यह सच्चाई सामने आयी कि कॉलेज के कुछ छात्र पॉकिट मनी के लिए चोरी किया करते हैं।
पुलिस ने आरोपी के बाकी साथीदार को अवसरी खुर्द गांव को गिरफ्तार किया। जिसमें इंजीनियरिंग छात्र आशिष बालासाहब वाव्हल, आकाश संजय खेडकर, ऋषिकेश गोविंद भोर को गिरफ्तार किया है। यह सभी मिलकर दिन दहाडे सेंधमारी, वाहनचोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे। आरोपियों के पास से पुलिस ने एक रेसिंग कार, फास्ट ट्रैक कंपनी की घड़ी, एलईडी टीवी, प्रिंटर और बाइक जब्त की है।
कैसे करते थे चोरी
इन सभी आरोपियों के मुलाकात कॉलेज की कैंटीन में हुई थी, यह सभी की आपस में गहरी दोस्ती हो गई थी। इन सभी ने मिलकर एक बंद हॉस्टल में खिड़की में लगी पट्टी को चुराया था। जिससे बेचकर उन्हें 7 हजार रुपए मिले थे। इसके बाद उनको चोरी की आदत लग गई और धीरे धीरे यह बड़ी बड़ी चोरी में हाथ मारने लगे। इन सभी ने मिलकर एक बंद घर से रेसिंग कार भी चोरी की थी। यह चोरी का माल बेचकर यह सभी आरोपी मजा मस्ती किया करते थे।
यह कार्रवाई पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल, डीवाईएसपी गजानन टोम्पे, पुलिस निरीक्षक प्रदीप जाधव के मार्गदर्शन में पुलिस कर्मचारी अनिल वाघमारे, नवनाथ नाईकडे व प्रशांत भुजबल ने की है।