जिलाधिकारी ने मनपा को चेताया : मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण करें

पुणे : समाचार ऑनलाईन – सड़क विस्तारीकरण, गार्डन व पार्किंग के लिए नकद मुआवजा देकर शहर की 7 विभिन्न जगहों का अधिग्रहण करने के कार्य को जिलाधिकारी कार्यालय ने अनुमति दी है। इस भू-अधिग्रहण का खर्च 664 करोड़ 98 लाख रुपये है तथा जिलाधिकारी के आदेश के बाद मनपा द्वारा क्षतिपूर्ति की प्राथमिक रकम के तौर पर लगभग 7 करोड़ 99 लाख रुपये जिलाधिकारी के पास जमा कराए गये हैं, लेकिन शेष राशि (656 करोड़ 98 लाख रुपये) की बड़ी रकम भरने में मनपा के असमर्थ होने से पिछले कुछ वर्षों से जमीन अधिग्रहण का कार्य लटक गया है। जिलाधिकारी नवलकिशोर राम ने हाल ही में मनपा को रिमाइंडर भेजकर कहा है कि यह रकम तुरंत भरकर भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण की जाए वरना हर साल खर्च बढ़ता ही जाएगा।

जमीन अधिग्रहण का जजमेंट हुए मामलों में भवानी पेठ स्थित गार्डन व मैदान, येरवड़ा, लोहगांव व वड़गांव शेरी की सड़क चौड़ीकरण की जगह, मुंढवा, घोरपड़ी, वारजे व कसबा पेठ की रोड वाइडनिंग की जगह तथा बाणेर की पार्किंग की जगह शामिल है। भवानी पेठ स्थित जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया सन् 1995 में शुरू हुई। अप्रैल 2018 में जिलाधिकारी ने इसे सम्मति दी। यह जगह अधिग्रहित करने के लिए लगभग 18 करोड़ 34 लाख रुपये खर्च आएगा।
येरवड़ा, लोहगांव व वड़गांव शेरी स्थित सड़क चौड़ीकरण के जगह की भू-अधिग्रहण प्रक्रिया वर्ष 2007 में शुरू हुई और नवंबर 2017 में इस पर जजमेंट दिया गया। इन सड़कों के जमीन अधिग्रहण हेतु सबसे ज्यादा यानी लगभग 513 करोड़ 85 लाख रुपये का खर्च निर्धारित है। मुंढवा, घोरप़ड़ी स्थित सड़क के भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया वर्ष 2006 में शुरू हुई, जिसके लिए जिलाधिकारी ने फरवरी 2016 में निर्णय दिया। इस जगह के अधिग्रहण हेतु 66 करोड़ 34 लाख रुपये का खर्च है।

वड़गांव शेरी, खराड़ी व लोहगांव स्थित सड़क चौड़ीकरण के भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया वर्ष 2010 में शुरू हुई और इसके लिए 92 करोड़ 28 लाख रुपये लागत आएगी। वारजे के सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया 2006 में आरंभ हुई, जिसके मामले में अगस्त 2017 में जजमेंट मिला। इस जमीन के अधिग्रहण हेतु 62 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च निर्धारित है। कसबा पेठ स्थित रोड वाइडनिंग की जगह की प्रक्रिया 2006 में शुरू हुई, जिसके भू-अधिग्रहण का खर्च एक करोड़ रुपये है। बाणेर स्थित पार्किंग की जगह की अधिग्रहण प्रक्रिया वर्ष 2007 में आरंभ हुई, जिसके विषय में सन् 2011 निर्णयादेश मिला। इस जगह के अधिग्रहण के लिए 3 करोड़ 6 लाख रुपये का खर्च है।

बाणेर की पार्किंग की जगह को छोड़कर अन्य जगहों के अधिग्रहण हेतु जजमेंट घोषित होने के बाद मनपा ने समय-समय पर कलेक्टरेट में 7 करोड़ 99 लाख रुपये जमा किये हैं, जबकि बाणेर स्थित पार्किंग प्लेस हेतु भरे गये 89 लाख 31 हजार रुपये जिलाधिकारी कार्यालय ने मनपा को लौटा दिए हैं। मनपा द्वारा शेष राशि यानी 656 करोड़ 98 लाख रुपये भरे जाने पर ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण करना संभव होगा। इस बीच के दौर में मनपा द्वारा टीडीआर या एफएसआई के रूप में मुआवजा दिया हो तो ही रकम में कमी हो सकती है, लेकिन जजमेंट घोषित करने की तिथि में बदलाव होने पर मुआवजे की राशि और बढ़ेगी। उपरोक्त जजमेंट हुए मामलों को लंबा अरसा बीत जाने से अतिरिक्त घटकों की रकम 12 प्रतिशत बढ़ी है। जिलाधिकारी नवलकिशोर राम ने हाल ही में मनपा आयुक्त को भेजे रिमाइंडर में बताया कि इस संबंध में मनपा को समय-समय पर अवगत कराया गया, लेकिन अब तक यह रकम जमा नहीं की गई।