पहले ही दिन कचरा संकलन के नियोजन की उड़ी धज्जियां

पिंपरी। संवाददाता : नई गाड़ियों और ठेकेदार कंपनियों के जरिए कचरा संकलित कर उसे मोशी कचरा डिपो तक पहुंचाने के काम का सोमवार को बड़े गाजे-बाजे के साथ आरंभ किया गया। हालांकि पहले ही दिन इस कचरा संकलन के नियोजन की धज्जियां उड़ गई। कई जगहों पर नई- पुरानी कोई गाड़ी ही नहीं पहुंची शाम चार बजे तक कचरा कुंडियां ‘ओवरफ्लो’ हो गई थी। वहीं कई जगहों पर ठेकेदार कंपनियों के कर्मचारियों की नियुक्ति के बावजूद पिंपरी चिंचवड़ मनपा के सफाई कर्मचारियों की भागदौड़ शुरू रही। अगर काम ठेकेदारी पर दिया गया है तो मनपाकर्मियों की तैनाती क्यों? यह सवाल उठाया जाता रहा।
पिंपरी चिंचवड शहर में घर- घर का कचरा संकलित कर उसे निपटारे के लिए मोशी डिपो तक पहुंचाने का ठेका बीवीजी इंडिया और एजी इनवायरो इंफ्रा प्रोजेक्ट्स नामक कंपनियों को सौंपा गया है। इसके लिए शहर को उत्तर व दक्षिण भागों में बांटा गया है उत्तर भाग का काम बीवीजी इंडिया लिमिटेड को 21 करोड़ 56 लाख और दक्षिण भाग का काम ए.जी. एन्वायरो इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स को 22 करोड़ 12 लाख रुपये में दिया गया है। 28 फरवरी को इन कंपनियों को वर्क ऑर्डर दिए गए। मगर नए वाहनों की अनुपलब्धता के चलते एक जुलाई से पूरी नई व्यवस्था और गाड़ियों के साथ कचरा संकलन का काम शुरू किया गया।

सोमवार को महापौर राहुल जाधव, स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी, मनपा आयुक्त श्रावण हर्डीकर, सहायक आयुक्त मनोज लोणकर, स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी डॉ. के. अनिल रॉय के अलावा प्रभाग स्तर पर स्थानीय नगरसेवकों का हाथों नई गाड़ियों का पूजन कर कचरा संकलन का काम शुरू किया गया। हालांकि पहले ही दिन इस कामकाज के नियोजन की धज्जियां उड़ गई। शहर के कुछ हिस्सों में तो नई गाड़ियों के दर्शन तक नहीं हुए। पिंपरी के कैम्प, बाजार, पिंपरी गांव समेत कई इलाकों में दोपहर चार बजे तक नई या पुरानी कोई गाड़ी नहीं पहुंची। नतीजन जगह- जगह कचरा कुंडियां ‘ओवरफ्लो’ होकर उसमें से कचरा बाहर सड़कों पर बहने लगा।

कुंडियों से कचरा न उठाए जाने से स्थानीय नगरसेवकों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। शिकायत मिलने के साथ नगरसेवक स्वास्थ विभाग के स्थानीय अधिकारियों को फोन कर रहे थे तो उन्हें आज से नई सिस्टम से कामकाज शूरु होने की जानकारी दी जाती रही। दिनभर लोगों की शिकायतें मिलती रही और अधिकारी व कर्मचारी वर्ग नगरसेवकों की डांट खाते रहे। ठेकेदार नियुक्ति के बाद भी कई जगहों पर मनपा के सफाईकर्मी ही जुटे रहने की तस्वीरें भी नजर आयी। कुल मिलाकर पहले ही दिन नियोजन की धज्जियां उड़ गई। बहरहाल मनपा के स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी डॉ. के. अनिल रॉय ने लोगों से गीला व सूखा कचरा अलग कर देने की अपील की है।