18 साल की उम्र में पति ने छोड़ा, परिवार वालों ने घर से निकाला, कुछ ऐसी है महिला पुलिस उपनिरीक्षक के संघर्ष की कहानी

तिरुवनंतपुरम – केरल पुलिस की एक महिला पुलिस उपनिरीक्षक के संघर्ष की ऐसी कहानियां सामने आई है, जो दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं। एनी शिवा ने जिंदगी के बुरे वक्त में अपने हौसलों को बुलंद करके उसका मुकाबला कर अपना मुकाम हासिल किया है। केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के कांजीरामकुलम की रहने वाली एनी शिवा जिन्होंने अपनी लाइफ में बहुत संघर्ष की है।

आज सब इंस्पेक्टर बनकर दूसरी महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा बनकर उभरी हैं। एनी शिवा 18 साल की छोटी उम्र में अपने पति से अलग हो गई थीं तो माता-पिता ने उनको 6 महीने के बेटे के साथ अपनाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने अपनी दादी के घर में आकर रहने लगी। घर चलाने के लिए डोर-टू डोर सामान बेचने से लेकर त्योहार में लगने वाले मेलों में नींबू पानी और आइसक्रीम बेचने तक का काम किया, लेकिन कभी उन्होंने अपने सपनों के रास्ते में बाधाओं को नहीं आने दिया।

चाहे उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष की कितनी ही लंबी लड़ाई लड़ी हो। अब 31 साल की उम्र में वर्कला पुलिस स्टेशन में सब-इंस्पेक्टर के रूप में कार्यभार संभालने के बाद जीवन का एक नया अध्याय शुरू किया है। अपनी जिंदगी के कठिन दौर में भी अपनी सपनों के पंखों को हवा देने वाली एनी शिवा ने शनिवार (26 जून) को वर्कला पुलिस स्टेशन में सब-इंस्पेक्टर का पद संभाला, जिसके बाद सोशल मीडिया पर नेता से लेकर फिल्मी हस्तियों के साथ अनगिनत लोगों के बधाई संदेश उनके लिए आ रहे हैं। ग्रेजुएशन के अपने फर्स्ट ईयर में एनी ने अपनी पसंद के लड़के से शादी करने के लिए अपने माता-पिता के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। अपने पति से अलग होने और अपनी दादी के साथ रहने के बाद उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा से कभी समझौता नहीं किया। वह ग्रेजुएट हुईं और बाद मेंडिस्टेंस लर्निंग कोर्स के जरिए पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की।

सेल्सपर्सन के रूप में सामान बेचने से लेकर बैंकों में बीमा पॉलिसियों की बिक्री तक उन्होंने हर विषम परिस्थियों में काम किया। जब ये प्रयास सफल साबित नहीं हुए तो उन्होंने वर्कला और उसके आसपास त्योहार के मैदानों और पर्यटन स्थलों पर नींबू पानी और आइसक्रीम बेचने का काम किया। यही नहीं बड़े शहर में एक अकेली मां के रूप में एनी को अक्सर कई परेशानी का सामना करना पड़ा। इसलिए उन्होंने ‘बॉय कट’ हेयरस्टाइल अपनाने का फैसला किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह तरीका है जो उनको उस नजरों से बचाएगी जो हर वक्त उनको घूरती रहती है। अंत में एनी के एक रिश्तेदार ने उनको पुलिस अधिकारी की नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद एग्जाम की तैयारी करने के लिए कुछ पैसों से भी मदद की। 2016 में एनी का संघर्ष तब सफल हुआ जब उन्होंने एक सिविल पुलिस अधिकारी बनी।

तीन साल बाद उन्होंने सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा सफलतापूर्वक पास कर ली। डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद एनी ने शनिवार को वर्कला थाने में प्रोबेशनरी सब-इंस्पेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला। एशियानेट न्यूज के मुताबिक उन्होंने कहा कि मुझे एक आईपीएस अधिकारी के रूप में देखना मेरे पिता का सपना था। इसलिए मैंने बहुत मेहनत से पढ़ाई की और नौकरी पाना मेरा मिशन बन गया। हमारे जीवन की परिस्थितियों पर रोने का कोई फायदा नहीं है। हमें छलांग लगानी होती है जब तक हम यह तय नहीं कर लेते कि हम हार गए हैं।

वहीं केरल पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भी उनके इस सफलता पर एक बधाई नोट शेयर किया है, जिसमें लिखा है कि यह एक संघर्ष की कहानी है। चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने वाले हमारे सहयोगी की जीवन गाथा।