नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा देने को लेकर विचार चलने की जानकारी केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री प्रल्हाद पटेल ने मंगलवार को राज्यसभा में दी । इस संबंध में मद्रास उच्च न्यायालय ने याचिका ख़ारिज कर चुकी है । एक प्रश्न के जबाव में पटेल ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है ।
किसी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ नियम तय कर रखे है । इसके अनुसार संबंधित भाषा प्राचीन और भाषा का साहित्य श्रेष्ठ होना चाहिए। यह भाषा डेढ़ से दो हज़ार वर्ष पहले से अस्तित्व में होने का ऐतिहासिक प्रमाण होना चाहिए। वह भाषा खुद में सक्षम हो और प्राचीन भाषा और उसका आधुनिक रूप उपलब्ध हो । जब किसी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया जाता हैं तो उस भाषा के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र सरकार दवारा उस उस राज्य को प्रायप्त अनुदान मिलता है। अब तक तमिल, तेलगु, संस्कृत, कन्नड़, मलयालम और उड़िया भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा मिल चुका है ।