शीत सत्र में गूंजेगा उद्योगनगरी की पानी की किल्लत का मसला

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – बढ़ती आबादी के चलते पवना बांध में शतप्रतिशत पानी रहने के बावजूद पिंपरी चिंचवड शहर में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। इससे पहले कि यह किल्लत एक गंभीर समस्या बन जाय, राज्य सरकार के स्तर पर इसका हल निकालना जरूरी है। यह बताकर विधायक लक्ष्मण जगताप ने भरोसा दिलाया है कि, विधिमंडल के शीतकालीन सत्र में शहर की पानी की किल्लत का मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस सत्र में रिहायशी अवैध निर्माणकार्यों को शास्तिकर माफी का मुद्दा भी उठाया जाएगा। इन मसलों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
पिंपरी चिंचवड़ एक तेजी से बढ़ता हुआ शहर है, भविष्य में शहर की आबादी 50 लाख से अधिक तक पहुंच जाएगी। शहर की आबादी पिछले 9 सालों में 10 लाख से बढ़ी है। 2011 में रही 17 लाख की आबादी आज 27 लाख तक पहुंच गई है। इस बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए, पहले से अधिक पानी को मंजूरी देने का नियोजन नहीं किया जा सका है। हालांकि सरकार ने भामा-आसखेड़ बांध में 167 एमएलडी और आंध्रा बांध में 100 एमएलडी पानी को मंजूरी दी है, लेकिन राज्य सरकार के निर्णय में देरी होते चली गई है। इसके कारण आज शहर के सामने पेयजल का गंभीर सवाल खड़ा हुआ है।
विधायक जगताप ने कहा कि, वर्तमान और भविष्य की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए, शहर को जलापूर्ति से संबंधित उचित नियोजन करना जरूरी है। इसका नियोजन नहीं किये जाने और भविष्य कालीन योजनाओं की अमलबाजी में हुए विलंब के कारण शहर के नागरिकों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इससे नागरिकों में भारी नाराजगी है। यद्यपि भामा-आसखेड़ बांध से 167 एमएलडी और आंध्रा बांध से 100 एमएलडी पानी शहर के लिए मंजूर है। मगर इसे शहर के नागरिकों को उपलब्ध कराने के कामों में तेजी नहीं आ सकी है। इसे ध्यान में लेकर विधायक जगताप ने विधिमंडल के शीतकालीन सत्र में पिंपरी चिंचवड शहर से पानी की किल्लत दूर करने के लिए सरकार द्वारा किये जानेवाले उपायों के बारे में सवाल उठाए हैं।
शीतकालीन सत्र में शहर के रिहायशी अवैध निर्माणकार्यों को दंड के तौर पर वसूले जानेवाले शास्तिकर से लोगों को राहत दिलाने की मांग लंबित है। इस पर भी विधायक जगताप ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया है। गत कई सालों से शास्तिकर माफी की मांग को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। सरकार ने कुछ हद तक इस मामले में लोगों को राहत देने का फैसला किया है। मगर इसमें स्पष्टता नहीं है जिससे लोगों में संभ्रम बना हुआ है। इस मामले में सरकार के पास क्या उपाययोजना हैं? इसकी जानकारी भी विधायक जगताप ने मांगी है।