मनपा में सामानों की खरीदी पर नजर रखने के लिए ‘मेटेरियल मैनेजमेंट’ एप विकसित

पुणे: समाचारऑनलाइन – मनपा के विभिन्न विभागों द्वारा वर्ष भर में सौ से सवा सौ करोड़ रुपए के विभिन्न प्रकार के सामान खरीदे जाते हैं, लेकिन कौन सा विभाग कितना खरीदी करेगा? प्रत्यक्ष रूप से कौन सा सामान आया, इसकी जांच के लिए कोई ठोस व्यवस्था मनपा के पास नहीं है। ऐसे में मनपा की सामान खरीदी पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने अब  खास मेटेरियल मैनेजमेंटफ नाम का अलग रूप विकसित किया है।इस एप के जरिए किस विभाग को किस तरह की जरूरतें हैं? कितना सामान खरीदा गया? प्रत्यक्ष रूप से कितना सामान आया? इसकी जानकारी कार्यालय में बैठे-बैठे ही प्राप्त की जा सकेगी।
मनपा के विभिन्न विभागों की सामान खरीदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं।मनपा द्वारा किसी भी सामान की खरीदी के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती या सरकार द्वारा निश्‍चित की गई कीमत सूची के अनुसार सामान खरीदे जाते हैं, लेकिन इसमें प्रशासन द्वारा कई तरह की हेराफेरी कर ऊंची कीमतों पर सामान की खरीदी करने की शिकायतें सामने आती रही हैं।सामान खरीदी में होने वाली इस गड़बड़ी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों के लिए ऑनलाइन खरीदी (जीईएम) पोर्टल का विकल्प प्रदान किया है।इस जीईएम पोर्टल पर वाहन से लेकर पेन, पेंसिल तक सभी वस्तुएं उपलब्ध हैं। ऑनलाइन खरीदी से मनपा को पैसे में बचत करने में काफी मदद मिली है, लेकिन किस विभाग को कितने सामान की जरूरत है? कितना सामान खरीदा गया व प्रत्यक्ष रूप से कितनी वस्तुएं उस विभाग को मिलीं? इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी प्राप्त करने और उस पर नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी।अब मनपा प्रशासन द्वारा मेटेरियल मैनेजमेंटफ नाम से एप विकसित कर इस समस्या का समाधान कर दिया गया है।

सामान खरीदी में गड़बड़ी कम होगी : तुषार दौंडकर
मनपा के उपायुक्‍त तुषार दौंडकर ने बताया कि मनपा द्वारा वाहन से लेकर कम्प्यूटर व कार्यालय में उपयोग होने वाले सामान बड़े पैमाने पर खरीदे जाते हैं।केवल सामान खरीदने पर मनपा को वर्ष में सौ से सवा सौ करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन इसमें कोई तालमेल नहीं रहता है।हर विभाग अलग रूप से खरीदी करता है।इसलिए संयुक्‍त रूप से खरीदी की जानकारी नहीं मिल पाती है।किसी विभाग ने कम्प्यूटर खरीदा, उस कम्प्यूटर की जरूरत थी क्या? कितने कम्प्यूटर की जरूरत है? पुराने कम्प्यूटर का क्या हुआ? कितना कम्प्यूटर खरीदा गया? प्रत्यक्ष रूप से कितने कम्प्यूटर आए? ये सारी जानकारियां इस एप पर संयुक्‍त रूप से मिलेगी।ऐसे में मनपा की सामान खरीदी में गड़बड़ी कम होगी।