नकली नोट बनानेवाली गैंग को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पुणे समाचार ऑनलाइन- नकली नोट बनाकर बाजार में इन नोटों को चलानेवाली गैंग को क्राइम ब्रांच की युनिट 2 की टीम ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से साढ़े चार लाख रुपए के नकली नोट और सामान जब्त किया गया है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को चेन्नई से गिरफ्तार किया है, वह पुणे का निवासी है। यह गैंग बाजार में नकली नोट सप्लायी करती है।

राजेश चंद्रभान ढिलोड (45, नगर रोड), अलका रोहिदास क्षीरसागर (40, ताडीवाला रोड), आनंद यशवंत जाधव (36, आंबेगांव), सुनीता आनंद जाधव (30, आंबेगांव) और वेंकटेश मुदलियार (44, तमिलनाडु) को गिरफ्तार किया गया है

क्राइम ब्रांच युनिट 2 के पुलिस फौजदार अनिल उसुलकर व पुलिस नाईक यशवंत खंदारे को जानकारी मिली थी कि एक महिला और एक पुरुष ढोले पाटिल रोड में नकली नोट बाजार में चलाने के लिए लानेवाला है। पुलिस ने दोनों को जाल बिछाकर हिरासत में लिया। उनके पास 1 लाख 67 रुपए कीमत की नकली नोट जब्त किए गए हैं। पुलिस ने उनके पास अधिक पूछताछ की तो आनंद जाधव और उनकी पत्नी सुनीता जाधव के नाम सामने आए। दोनों को 12 जनवरी को गिरफ्तार कर उनके पास से 24 हजार रुपए के नकली नोट जब्त किए गए। गिरफ्तार किए गए आरोपी के पास पुलिस ने अधिक जांच की तो नकली नोट चेन्नई स्थित व्यंकटेश मुदलियार नामक शख्स छपाई करता है, नोट को सप्लायी करने का काम करता है।

अपराध शाखा के एक टीम ने चेन्नई रवाना की गई थी, नोट की सप्लायी करनेवाली आरोपी की खोज की। आरोपी उथ्थकोटी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत रहता है, ऐसी जानकारी पुलिस को मिली थी, पुलिस ने स्थानिक पुलिस की मदद से रात को छापा मारकर मुदलियार को गिरफ्तार किया। घर की तलाशी लेने पर नकली नोट छापने के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले प्रिंटर और बाकी सामान जब्त किए। साथ ही 2000, 500, 200 और 50 का नोट ऐसा कुल मिलाकर 2 लाख 35 हजार 410 रुपए कीमत के नकली नोट जब्त किए गए।

गिरफ्तार किए गए आरोपी व्यंकटेश यह मूल रुप से पुणे का है, उसके खिलाफ हत्या, मारामारी, चोरी, हथियार और फायरिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। 2001 में पत्रकार की हत्या मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने उसके खिलाफ आरेस्ट वारेंट निकाला गया था। यह मामला पेंडिंग होने की बात भी सामने आयी है। व्यंकटेश ने तमिलनाडू से कर्ज निकालकर ट्रक खरीदा था। वह ड्राइविंग कर अपनी उपजीविका चलाता था। उसने अपने साथीदार श्रीहरि की मदद से ज्यादा पैसा कमाने के लिए यू ट्यूब पर वीडियो देखकर नकली नोट छापने का धंधा शुरु किया था। इस नोट को बाजार में चलाने के लिए उसके पुणे के साथीदार की मदद ली थी।

यह कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस आयुक्त गुन्हे प्रदिप देशपांडे, क्राइम ब्रांच पुलिस उपायुक्त शिरीष सरदेशपांडे, सहायक पुलिस आयुक्त क्राइम -1 समीर शेख के मार्गदर्शन में युनिट – 4 के प्रभारी पुलिस निरीक्षक गजानन पवार, सहायक पुलिस निरीक्षक जयवंत जाधव, लक्ष्मण ढेंगले, सहायक पुलिस फौजदार अनिल ऊसुलकर, संजय दलवी, यशवंत आंब्रे, शेखर कोली, पुलिस हवालदार अजय खराडे, दिनेश गडांकुश, विनायक जाधव, पुलिस नाईक यशवंत खंदारे, अतुल गायकवाड, चेतन गोरे, उत्तम तारु, दाऊद सैय्यद, विशाल भिलारे, किशोर वग्गू, महीला  पुलिस नाईक भागवत, पुलिस सिपाही अजित फरांदे, कादिर शेख, चंद्रकांत महाजन, पुलिस सिपाही तोत्रे, गोपाल मदने ने की।