जोरदार हंगामे के बीच सन्तपीठ का प्रस्ताव मंजूर

विपक्ष ने जताया उग्र विरोध; किया मानदंड छीनने का प्रयास
पिंपरी। संवाददाता – धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा देनेवाले नियोजित सन्तपीठ के प्रस्ताव पर सोमवार को सर्व साधारण सभा में खासा बवाल मचा। राष्ट्रवादी कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्यों ने इस परियोजना के टेंडर में ‘रिंग’ होने का आरोप लगाते हुए इस भ्रष्टाचार के प्रमाण के तौर पर एक ऑडियो क्लिप चलाने की अनुमति मांगी। हालांकि महापौर राहुल जाधव ने हंगामे के बीच ही उपसुझाव के साथ प्रस्ताव पारित करने की घोषणा कर दी। इससे विपक्ष का आक्रोश फूटा और सभी महापौर के आसन के समक्ष पहुंचकर आंदोलन करने लगे। इसी बीच महापौर का मानदंड छीनने का प्रयास किया गया। इसके चलते सभा एक घन्टे के लिए स्थगित करने की नौबत सत्तादल भाजपा पर आई।
मनपा द्वारा टालगांव चिखली में ‘जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज संतपीठ’ का निर्माण किया जा रहा है। इसकी टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है। आज सर्व साधारण सभा में इसके प्रस्ताव पर फैसला होना था। इसके लिए विपक्षी दल के सदस्य भ्रष्टाचार के आरोपों से युक्त अप्रैन पहनकर पूरी तैयारी के साथ सभागृह में पहुंचे थे। इस प्रस्ताव के पेश होते ही विपक्ष के तेवर कड़े हो गए और उसने आंदोलन शुरू कर दिया। इसके चलते सत्तादल ने बहुमत के जोर पर प्रस्ताव पारित कर दिया। इस पर आक्रामक हुए विपक्षी सदस्यों ने महापौर का मानदंड छीनने की कोशिश की। इस पर नाराज होकर महापौर राहुल जाधव अपने आसन को छोड़कर चले गए। बाद सभा एक घन्टे के लिए स्थगित किये जाने की घोषणा की गई।

सभा के आरंभ में ही राष्ट्रवादी काँग्रेस के सदस्यों ने महापौर के आसन के समक्ष आंदोलन करते हुए सन्तपीठ के टेंडर में ‘रिंग’ किये जाने का आरोप लगाया। इस आंदोलन में विपक्ष के नेता दत्ता साने, नगरसेवक भाऊसाहेब भोईर, मयूर कलाटे, प्रवीण भालेकर, पंकज भालेकर, राजू बनसोडे, समीर मासुळकर, माजी महापौर मंगला कदम, वैशाली काळभोर, वैशाली घोडेकर आदि शामिल हुए। विपक्ष के नेता साने ने प्रस्ताव पर किये भाषण में मनपा की विभिन्न टेंडर प्रक्रिया में ‘रिंग’ का आरोप लगाया। इस पर पूर्व महापौर नितिन कालजे ने सन्तपीठ के प्रस्ताव पर ही बोलने की हिदायत दी। इस पर विपक्ष आक्रामक होकर पुनः महापौर के आसन के समक्ष पहुंचा और मानदंड छीनने लगा। इसी हंगामे के बीच प्रस्ताव मंजूर करने की घोषणा कर महापौर जाधव

सभा स्थगित करने की कोई घोषणा किये बगैर ही कुर्सी छोड़कर चले गए। इसके बाद भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा।