छात्रों का समग्र विकास ही ‘सिम्बायोसिस’ का उद्देश्य

पुणे। समाचार एजेंसी

डॉ एसबी मजूमदार ने ‘विश्व एक परिवार’ के वैदिक विचारों के सिद्धांत पर सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। जहां शिक्षा का उद्देश्य छात्रों का समग्र विकास करना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सिम्बायोसिस को साल 2002 में ‘डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी’ का दर्जा प्रदान किया था। एनएएसी द्वारा इसे पुनः चार पैमानों पर ग्रेड ‘ए’ और सीजीपीए मान्यता दी गई। यह दुनिया के कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के साथ संबद्ध है और छात्रों और शिक्षकों को अपने कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।

300 एकड़ में फैला हुआ है परिसर
सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) का परिसर पुणे शहर के बाहरी इलाके में 300 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इस विश्वविद्यालय का इतिहास भारत में प्रबंधन शिक्षा के इतिहास से जुड़ा हुआ है।

प्रबंधन शिक्षा में अग्रणी

सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एसआईयू) प्रबंधन शिक्षा में अग्रणी भूमिका निभाता है। इसके कई प्रबंधन संस्थान देश में सर्वश्रेष्ठ हैं और इसके भूतपूर्व छात्र दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। प्रबंधन के अलावा एसआईयू ने लॉ, कम्प्यूटर स्टडीज, हेल्थ एंड बॉयोलोजिकल साइंसेज, मीडिया, कम्युनिकेशन एंड डिजाइन, ह्यूमेनिटीज एंड सोशल साइंसेज एंड इंजीनियरिंग के भी संस्थान स्थापित किए हैं और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

भारत के छः शहरों में कैंपस

भारत के छः शहरों पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरू, नासिक, नोएडा और नागपुर में सिम्बायोसिस के कैंपस हैं। जो अपने छात्र केंद्रित फिलॉसफी के साथ शिक्षा और अकेडमिक प्रोग्राम में लगातार बेंचमार्क स्थापित कर रहे हैं।

प्रदान करता है विश्व स्तर की शिक्षा

एसआईयू स्मार्ट क्लासरूम, अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक आधारभूत संरचना से विश्व स्तर की शिक्षा प्रदान कर रहा है। यहां लर्निंग प्रोजेक्ट, इंटर्नशिप और मूल्यवर्धित गतिविधियों से छात्रों का समग्र विकास होता है जो स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है।