नोबेल शांति पुरस्कार पाने के लिए ‘अशांति’ का अजीबोगरीब माहौल, दामाद और ससुर में भी जंग

वॉशिंगटन. ऑनलाइन टीम  वर्ष 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार इस बार अजीबोगरीब दौर में है। हालांकि नामांकन का दौर अब समाप्त हो चुका है, लेकिन बनी सूची को लेकर वार्ताओं कै दौरा अभी जारी है। सबसे पेचीदगी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके दामाद जेरेड कुश्नर को लेकर है। दोनों को ही पश्चिम एशिया में शांति वार्ता को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए नामांकित किया गया है।

दुनियाभर के हजारों लोगों ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आवेदन दिया है। ट्रंप को छोड़कर बाकी के तीनों उम्मीदवारों को नार्वे के सांसदों ने नामांकित किया है। बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार के लिए विजेता चुनने का ट्रैक रिकॉर्ड नार्वे के इन सांसदों के नाम ही है। पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ओस्लो के निदेशक हेनरिक उराल्ड ने कहा कि नार्वे के सांसदों ने 2014 के बाद से हर साल जिसे शांति पुरस्कारों के लिए नामित किया है, उसमें इस बार का पैटर्न काफी आश्चर्यजनक है।

बता दें कि जेरेड कुश्नर डोनाल्ड ट्रंप के दामाद हैं और बर्कोवित्ज़ मिडिल ईस्ट के दूत थे। दोनों ही इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सूडान और मोरक्को के बीच डील में अहम व्यक्ति माने जाते हैं। कुश्नर ने कहा कि वो इस पुरस्कार के लिए नामित होकर सम्मान महसूस कर रहे हैं। ये अवॉर्ड अक्टूबर में दिया जाएगा। अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के बाद से ही ट्रंप प्रशासन के फैसले पलटने में लगे हुए हैं। अनुमान है कि वो ट्रंप प्रशासन के दौरान किए गए सभी राष्ट्रीय सुरक्षा समझौतों की भी समीक्षा करेंगे, जिसमें यूएई और सऊदी अरब लिए हथियार पैकेज भी शामिल हैं, जबकि जेरेड कुश्नर को इजरायल और अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने के लिए इस पुरस्कार से नामित किया गया है। इसे अब्राहम समझौता कहा जा रहा है।

इन दोनों की जोड़ी ने इजरायल और यूएई, बहरीन, सूडान और मोरक्को के बीच समझौता कराया था। इजरायल और अरब देशों के बीच समझौते के लिए ही ट्रंप को भी नामित किया गया है। इनके अलावा अमेरिका की मताधिकार कार्यकर्ता स्टेसी अब्राम्स को भी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता स्टेसी अब्राम्स को बैलट बॉक्स के जरिए अहिंसक बदलाव के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। कहा जाता है कि अब्राम्स ने पिछले कड़ी मेहनत की जिससे वोटों का प्रतिशत बढ़ा और इससे जो बाइडेन को चुनाव जीतने में काफी मदद मिली।