आखिरी मुगल बादशाह के उत्तराधिकारी ने राम मंदिर को लेकर दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

मुगल वंश के आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर के कथित उत्तराधिकारी प्रिंस याकुब हबीबउद्दीन तूसी ने राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि अगर अयोध्या की विवादित भूमि पर मंदिर का निर्माण करवाया जाता है तो हमें बाबर का वंशज होने के नाते कोई आपत्ति नहीं है। इसके अलावा अगर मंदिर की नींव रखी जाएगी तो पहली ईंट रखने के लिए खुद मैं वहां जाऊंगा।
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प्रिंस तूसी को मुगल खानदान का आखिरी वंशज मानते हुए हर साल भारत सरकार और एएसआई ताजमहल में होने वाले शाहजहां के सालाना उर्स में उन्हें चादर चढ़ाने और संदल चढ़ाने की रस्म की अदायगी के लिए हर साल आगरा बुलाता है। प्रिंस तूसी भी अपने पूरे परिवार सहित इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आगरा आते हैं। साल 2002 में प्रिंस तूसी और उनके परिवार को कोर्ट ने बहादुर शाह जफर का वंशज मान लिया है। बाबर का वंशज होने के नाते उन्होंने कहा कि अगर वहां मंदिर बनता है तो पहली ईंट मैं ही रखूंगा।हैदराबाद के रहने वाले प्रिंस तूसी ने कहा, बाबर ने मरने के वक्त हुमायूं से अपनी वसीयत के बारे में कहा था कि मीर बाकी ने अयोध्या में जो हरकत की है उससे पूरे तैमूरी खानदान पर कलंक लग गया है। अगर हिंदुस्तान में तुम्हें हुकूमत करनी है तो संतों-महंतों को ऐहतराम करो। मंदिरों की हिफाजत करो और एक जैसा न्याय करो।
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उन्होंने आगे कहा, मुगलों ने कभी भी भारत की जनता का मन नहीं दुखाया है। मीर बाकी ने किया तो हमने अयोध्या में जाकर भी कहा और सारे हिंदू समाज से भी माफी मांगी है। इसके अलावा जो छोटे-मोटे लीडर हैं जिनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। ये पूरी तरह से उत्तराधिकार का मामला है। हमारे पास एक जोकर है हैदराबाद में, ओवैसी। इसके अलावा एक है मुस्लिम पसर्नल लॉ, जिनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। प्रिंस तूसी ने दावा किया कि ये पूरी तरह से उत्तराधिकार का मामला है। मंदिर-मस्जिद का मामला नहीं है। विवादित जमीन पर न तो मस्जिद बन सकती है और न ही नमाज हो सकती है इसीलिए कोर्ट से हमने कहा है कि अगर ये प्रॉपर्टी बाबर की निकल रही है तो हमें मंदिर बनाने की इजाजत देने में कोई आपत्ति नहीं है।