तिरंगा फहराने के भी हैं कुछ नियम, क्या आप जानते हैं?

पुणे | समाचार ऑनलाइन

प्रीति फुलबांधे

15 अगस्त या 26 जनवरी के आते ही लोगों की देशभक्ति जाग जाती है। कोई सोशल मीडिया पर तिरंगे को अपनी प्रोफाइल पिक्चर बनाता है, तो कोई अपनी कार के डैशबोर्ड पर झंडे को सजाता है। फ्लैग कोड ऑफ इंडियाके तहत आम नागरिकों को साल भर तिरंगा फहराने का मौलिक अधिकार मिला है, लेकिन फिर भी राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में कुछ नियम कायदे हैं, जिनके बारे में पता होना हमारे लिए ज़रूरी है। ताकि तिरंगे की शान में कोई कमी न रहे।

  1. झंडा हाथ से काते और बुने गए ऊनी,सूती,सिल्क या खादी से बना होना चाहिए। झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए। केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडा लगाया या फहराया नहीं जा सकता।
  2. पहले तिरंगे को सिर्फ सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच फहराया जा सकता था, लेकिन अब रात में भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा सकते हैं। झंडे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जा सकता। झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जाएगा सिवाय उन मौकों के जब सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराने के आदेश जारी किए गए हों।
  3. झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता। तिरंगे को किसी भी तरह से फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचा सकते। झंडे के किसी भाग को जलाने,नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना,या दोनों हो सकते हैं।
  4. झंडे का कमर्शियल इस्तेमाल नहीं कर सकते। किसी को सलामी देने के लिए झंडे को झुकाया नहीं जाएगा। अगर कोई शख्स झंडे को किसी के आगे झुका देता हो,उसका वस्त्र बना देता हो,मूर्ति में लपेट देता हो या फिर किसी मृत व्यक्ति (शहीद आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के अलावा) के शव पर डालता हो, तो इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा।
  5. तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना गलत है। अगर कोई शख्स कमर के नीचे तिरंगे को कपड़ा बनाकर पहनता हो तो यह भी अपमान है। तिरंगे को अंडरगार्मेंट्स,रुमाल या कुशन आदि बनाकर भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

[amazon_link asins=’B01IVTNOOU,B01IVYYQJM’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’b1f96fa4-9fa3-11e8-ae3b-69a4e748d10f’]

  1. झंडे पर किसी तरह के अक्षर नहीं लिखे जाएंगे। खास मौकों और राष्ट्रीय दिवसों जैसे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराए जाने से पहले उसमें फूलों की पंखुड़ियां रखने में कोई आपत्ति नहीं है।
  2. किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या मंच को सजाने में झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गाड़ी,रेलगाड़ी या वायुयान की छत,बगल या पीछे के हिस्से को ढकने में यूज नहीं कर सकते। झंडे का इस्तेमाल किसी इमारत में पर्दा लगाने के लिए नहीं किया जा सकता।
  3. फहराए गए झंडे की स्थिति सम्मानजनक बरकरार होनी चाहिए। फटा या मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए। झंडा फट जाए,मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से पूरी तरह नष्ट कर दिया जाए।
  4. यदि झंडे को किसी मंच पर फहराया जाता है,तो उसे इस प्रकार लगाया जाना चाहिए कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उसके दाहिनी ओर रहे। एक तरीका यह भी है कि झंडे को वक्ता के पीछे दीवार के साथ और उससे ऊपर लेटी हुई स्थिति में प्रदर्शित किया जाए।
  5. किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर नहीं लगाया जा सकता। इसके अलावा, फूल, माला, प्रतीक या अन्य कोई वस्तु झंडे के पोल के ऊपर रखी जाए।