शिक्षा व्यवस्था में विरोधाभास नजर आता है : मनीष सिसोदिया

पुणे : समाचार ऑनलाईन – देश के सभी राज्यों में सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं अच्छी होगी, ऐसा नही है। हमारी शिक्षा व्यवस्था में विरोधाभास भी दिखाई देता है। अगर छात्रों को सरकारी स्कूलों में उच्च दर्जा की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी है, तो केंद्र और राज्य अपने बजेट में शिक्षा के लिए अतिरिक्त प्रावधान करे। यह सलाह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनिष सिसोदिया ने दी।

मनीष सिसोदिया चीफ गेस्ट थे
एमआइटी वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी के एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट (मिटसॉग) के 15 वे बैच के शुभारंभ पर सिसोदियो मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। सांसद एड। पिनाकी मिश्रा तथा शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी सन्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

इनके अलावा एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. विश्वनाथ कराड, कार्याध्यक्ष प्रा. राहुल कराड, कुलपति डॉ. एस. परशुरामन, प्र कुलगुरू डी. पी. आपटे, एमआईटी के अधिष्ठाता प्रा. शरदचंद्र दराडे पाटील, एमआयटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट की सह संचालिका प्रा. डॉ. शैलश्री हरिदास, डॉ. अनुराधा पाराशर और प्रा. मिलिंद पात्रे उपस्थित थे।

देश को शिक्षा के बदौलत खडा करना है
मनिष सिसोदिया ने कहा, इस देश को शिक्षा के बदौलत खडा करना है। शिक्षा के जरिए आतंकवाद और हिंसा को खत्म करना है पिनाकी मिश्रा ने कहा, 17 वीं लोकसभा में महिला बिल पास होने की आशा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में परिवर्तन की लहर लाई है। उन्होंने लोकसभा में जान फूंकी है। अगले दौर में लोकसभा में कई महिला सांसद दिखेगी। प्रियंका चतुर्वेदीने कहा, धर्म के आधार पर अच्छी राह पर चलने के लिए कहने वाले संत ज्ञानेश्वर का यह सूत्र राजनीति के लिए भी लागू होता है। राजनीति में रहकर समाजसेवा के लिए मिटसॉग सबसे बडा प्लैटफॉर्म है।