नहीं थम रहा सत्तादल भाजपा में इस्तीफों का सिलसिला!

अब वसंत बोराटे ने विधि समिति सदस्य पद से दिया इस्तीफा

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

बीते सालभर से पिंपरी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा में मानो पार्टी के खिलाफ बयानबाजी, बगावत की चेतावनी, नेताओं को चुनौती और इस्तीफे देने का एक सिलसिला सा शुरू है। इस साल स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव से शुरू हुआ इस्तीफों का दौर तो कहीं थमने का नाम ही नहीं ले रहा। बुधवार को भाजपा नगरसेवक वसंत बोराटे ने विधि समिति की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपा है।

सत्ता परिवर्तन के बाद पहले ही साल में सबसे पहले वरिष्ठ नगरसेवक शीतल उर्फ विजय शिंदे ने विधि समिति सदस्य पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद दो माह पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान इस पद हेतु मौका न दिए जाने से नाराज होकर राहुल जाधव और शीतल शिंदे ने स्थायी समिति सदस्य पद से इस्तीफे दिए। विधायक महेश लांडगे गुट को न्याय न मिलने से नाराज होकर महापौर नितिन कालजे, क्रीड़ा समिति सभापति लक्ष्मण सस्ते ने भी अपने – अपने पदों से इस्तीफे दिए।

स्थायी समिति अध्यक्ष पद का चुनाव निर्विघ्न संपन्न होने के बाद जाधव और शिंदे दोनों का इस्तीफा मंजूर किया गया, महापौर और सस्ते के इस्तीफे पर फैसला नहीं किया गया। गत माह की सर्वसाधारण सभा मे विषय समितियों के सदस्यों की नियुक्तियों के दौरान मनचाही समिति में मौका न मिलने से सभागृह में ही पार्टी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए अश्विनी बोबडे ने क्रीड़ा समिति सदस्य पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने खुलेआम आरोप लगाया कि, पार्टी में निष्ठावानों से ज्यादा आयाराम- गयाराम वालों को महत्व है।

प्रभाग या क्षेत्रीय समितियों के स्वीकृत सदस्यों के चुनाव में तो भाजपा में बीते सालभर से जारी नए- पुराने का विवाद सतह तक पहुंच गया। पुराने निष्ठावानों ने पार्टी नेताओं के खिलाफ अनशन तक किया। यह सब शांत हुआ नहीं कि बीते दिन दलितों की असुरक्षितता और दलित अत्याचार के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए नगरसेवक बालासाहेब ओव्हाल ने खुद को भाजपा की सियासत से दरकिनार करने की घोषणा की। इसे 24 घन्टे भी नहीं बीते कि दूसरे नगरसेवक वसंत बोराटे ने विधि समिति सदस्य पद से इस्तीफा दिया। व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की बात उन्होंने कही है, अतः महापौर नितिन कालजे ने भी उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।