खस्ताहाल इस बड़ी कंपनी को मिलेगा 280 करोड़ का कर्ज

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – पिंपरी के हिंदुस्तान एंटीबॉयोटिक्स (एचए) कंपनी के कामगारों का बकाया देने के लिए 280 करोड़ 15 लाख रुपए का फंड कर्ज के रूप में देने को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में मंजूरी दी है। कामगारों के लिए वॉलेट्री रिटायरमेंट स्किम घोषित कर प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये कंपनी को फिर से जीवित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के दवा बनाने वाली कंपनियां के कामगारों का बकाया देने को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से एचए कंपनी के करीब एक हजार कामगारों को बड़ी राहत मिली है। एचए मंजदूर संघ के अध्यक्ष व मावल के सांसद श्रीरंग बारणे को महीने भर तक इसे लेकर किए गए प्रयास में सफलता मिली है।

कामगारों का 21 महीने से वेतन बकाया 

कुप्रबंधन की वजह से बंद पड़े एचए कंपनी के कामगारों को 21 महीने से बकाया है। केंद्र सरकार ने करीब डेढ़ वर्ष पहले एचए कंपनी को 100 करोड़ रुपए का फंड उपलब्ध कराया था। कंपनी को आर्थिक रूप से फिर से खड़ा करने के लिए कंपनी के मालिक ने कुछ प्लॉट बेचने का निर्णय लिया था। लेकिन इसे ज्यादा रिस्पांस नहीं मिला। इसी के मद्देनजर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी को 280 करोड़ 15 लाख रुपए का कर्ज कराने का निर्णय लिया है। इस कर्ज की रकम से कामगारों का वेतन देने के साथ वॉलर्ट्री रिटायरमेंट स्किम के लिए फंड दिया जाएगा।

सांसद श्रीरंग बारणे के नेतृत्व में एचए मजदूर संघ के महासचिव सुनील पाटसकर, पूर्व महासचिव अरुण बोहार्डे व अन्य पदाधिकारी पिछले महीने भर से लगातार नई दिल्ली में प्रयास कर रहे थे। आखिरकार इस प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। सांसद श्रीरंग बारणे ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा था। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा, रासायन राज्य मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात कर एचए के कामगारों के मुद्दे को गंभीरता से उठाया था।