थाईलैंड: मौत के मुंह से वापस लौटी पूरी टीम, महाराष्ट्र की इस कंपनी की भूमिका अहम

पुणे। समाचार ऑनलाइन

थाईलैंड की गुफा में फंसे सभी 12 फुटबॉल खिलाड़ियों और उनके कोच को बचा लिया गया है। तीन दिन तक चले बचाव अभियान के बाद राहतकर्मियों को मंगलवार को सभी को बाहर निकाल लेने में कामयाबी मिल गई। इस बचाव कार्य में महाराष्ट्र की एक कंपनी का योगदान भी अहम साबित हुआ। भारत सरकार ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

थाइलैंड के उत्तर में चियांग राई इलाके की एक गुफ़ा में 23 जून से बच्चों की एक फुटबॉल टीम फंसी हुई थी। रविवार को 4 बच्चों को निकाला गया था और सोमवार को भी 4 बच्चों को गुफ़ा से बाहर लाया गया। बचाव अभियान मंगलवार की सुबह फिर से शुरू किया गया। चश्मदीद के मुताबिक, नौवें बच्चे को स्ट्रेचर पर बाहर लाया जाता देखा गया है। गुफ़ा में 12 बच्चे और उनका एक कोच फंसे हुए थे और बाद में 1 बच्चा और कोच उनके साथ कुछ गोताखोर भी अंदर ही थे। सभी को बाहर निकाल लिया गया है।

रविवार दोपहर बाद मौसम थोड़ा ठीक होते ही गोताखोरों की अंतरराष्ट्रीय टीम और थाइलैंड नेवी के सील कमांडो बचाव अभियान में जुट गए. 11 से 16 साल तक के ये सभी बच्चे और उनका कोच गुफा के द्वार से चार किलोमीटर अंदर एक सूखी जगह पर फंसे थे. लेकिन गुफा काफी लंबी है और उसका रास्ता ऊंचा नीचा है, ऐसे में उसमें कई जगहों पर पानी भरा हुआ है जिसकी वजह से ये ऑपरेशन काफ़ी जटिल हो गया.

बच्चों को मास्क पहना कर और ऑक्सीजन सिलिंडर के ज़रिए ऑक्सीजन देते हुए पानी के बीच से निकाला गया. बीच में गुफा का रास्ता काफी संकरा होने से भी दिक्कत आई. ऐसे में रविवार को अंधेरा होने तक चार ही बच्चे निकाले जा सके और फिर इस ऑपरेशन को सोमवार सुबह तक के लिए कुछ घंटे रोक दिया गया. इस अभियान में 90 लोग शामिल हैं जिनमें से 50 दूसरे देशों से आए गोताखोर और विशेषज्ञ हैं और चालीस थाईलैंड के हैं. निकाले गए चारों बच्चों को सीधे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनका चेक अप किया.

थाईलैंड की गुफा में फंसे खिलाड़ियों को बाहर निकालने के लिए पानी का स्तर कम करना बेहद जरूरी था। इसके लिए थाईलैंड की सरकार ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगायी थी। इसके अनुसार किर्लोस्कर ब्रदर्स के फ्लड पंप्स भेजे गए थे। इस बचाव कार्य मे महाराष्ट्र की किर्लोस्कर कंपनी का भी अहम योगदान है, जिसके फ्लड पंप्स राहत कार्य के लिए भेजे गए थे। किर्लोस्कर के इंजीनियर रहे सांगली मिरज निवासी प्रसाद कुलकर्णी भी अपनी टीम के साथ बचाव कार्य के लिए थाईलैंड पहुंचे थे। इस टीम ने यहां पहुंचकर पंप्स शुरू कर पानी का स्तर कम करना शुरू किया, जिससे बचाव कार्य को गति मिल सकी।

किर्लोस्कर ब्रदर्स की शाखा बैंकांक में भी है, जिसने थाईलैंड सरकार ने बैंकांक में कई विकास परियोजनाओं पर काम किया है।इस बचाव कार्य में भारत की भांति अमेरिका, इजरायल समेत अन्य देशों से भी मदद मिली। इसके चलते तीन दिन बाद 12 बच्चों और उनके कोच को बचा लिया जा सका। थाईलैंड में भारतीय दूतावास ने अपने दो तकनीशियन भी भेजे थे। यहाँ भारत के राजदूत भगवंतसिंह बिश्नोई ने भी अहम भूमिका निभाई। बचाव कार्य सफल होने के बाद भारत में थाईलैंड के राजदूत रहे गोंगस्काडी ने ट्विटर से ‘थैंक यू एम्बेसडर थैंक यू इंडिया’ पोस्ट कर भारत का आभार जताया है।