असली पत्थरबाजों को दबोचने के लिए पुलिस ने अपनायी यह नीति 

श्रीनगर। समाचार ऑनलाइन 

पथराव के पीछे के असली गुनाहगारों को गिरफ्तार करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को एक नई रणनीति अपनाई। जुमे की नमाज के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान कुछ पुलिस कर्मी भेष बदलकर भीड़ में शामिल हो गए और इस पथराव कर रहे दो पत्थरबाजों को गिरफ्तार कर लिया। यह दो पत्थरबाज सुरक्षाबलों पर पथराव कर रही भीड़ की अगुवाई कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए यह रणनीति बनाई। यही नहीं पुलिसकर्मियों ने लोगों को डराने के लिए हाथ में खिलौने वाली बंदूक ले रखी थी।

झूठी शिकायत के आधार पर पुलिस ने दर्ज की गलत एफआईआर

[amazon_link asins=’B078RKPPGP,B01MXO1DMZ’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’229fb2e3-b335-11e8-a457-2ba6bdaf195e’]

पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को श्रीनगर में जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों पर पथराव करना शुरू कर दिया, लेकिन दूसरी ओर से कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की गयी। इस बीच ना ही सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ पर आंसू गैस का कोई गोला दागा और ना ही लाठीचार्ज किया। हिंसा के बीच जब कई लोगों के घायल होने के बाद पुलिस ने भीड़ का नेतृत्व कर रहे दो पत्थरबाजों की पहचान कर ली और फिर तय रणनीति के तहत आंसू गैस का एक गोला दागा गया, जिसके बाद भीड़ में छिपे पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे दो पत्थरबाजों को गिरफ्तार कर लिया और फिर उन्हें थाने ले गए।

[amazon_link asins=’B00LX22W14,B00T9RC4XQ’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’2971ea66-b335-11e8-b066-851c1234a38e’]

कोंढवा में थाई वेलनेस स्पा में चल रहे हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश 

बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों ने लोगों को डराने के लिए हाथ में खिलौने वाली बंदूक ले रखी थी। इस रणनीति के कारण पत्थरबाजों के दल में शामिल लोग भौचक्के रह गए और इन लोगों ने तत्काल अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया। ज्ञात हो कि शुक्रवार को कश्मीर के कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं हुईं। जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार को हुए इन प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग घायल हुए, जिसके बाद तनाव को देखते हुए कई इलाकों में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती भी की गई। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को भी बैन रखा गया। असली पत्थरबाजों तक पहुँचने के लिए पुलिस द्वारा बनायीं गई रणनीति पूरे सूबे में चर्चा का विषय बनी है।