इस रक्षाबंधन यह तोहफ़ा दे बहन को

पुणे | समाचार ऑनलाइन

अनामिका

भारत में विभिन प्रकार के त्योहार मनाये जाते है। हर एक त्योहार का अपना अलग -अलग महत्व होता है। सारे ही त्योहार को पूरे धूम धाम से मनाया जाता है, इसी प्रकार हम भाई बहन के बीच के प्यार को दर्शाने वाला त्योहार रक्षाबंधन भी बहुत ही उत्साह से मानते है। रक्षा बंधन का त्योहार कितने ही सालो से पूरे भारत में मनाया जा रहा है। यु तो भाई बहन के बीच का प्यार दिखाने के लिए किसी त्योहार की जरुरत नहीं होती, पर इस त्योहार से इस रिश्ते का महत्व सामने आता है। रक्षाबंधन हिंदू सावन माह के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

 

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बहन की रक्षा का वादा

इस त्योहार का इंतज़ार बहनें कितने महीने पहले से ही करतीं है। इस दिन बहन अपने भाई की आरती उतार कर, माथे पर तिलक लगा कर हाथ पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा करता है। समय के साथ बदलाव तो सभी में आते है तो त्योहारो में कैसे नहीं, फिर चलन आई राखी बंधाई पर भाई द्वारा बहन को तोहफे या उपहार देनी की। हर भाई राखी बंधवाने पर प्यार से अपनी बहन को कुछ उपहार देता है।

 

चलन में भी बदलाव

अब तोहफ़े देने के चलन में भी बदलाव देखा जा रहा है।आजकल एक नई चीज देखने को मिली ,आज कल सिर्फ भाई ही बहन को तोहफ़ा नहीं देता बलकि बहन भी भाई को तोहफ़ा देती है। बाज़ारो में बहनों द्वारा भाई को दिए जाने वाले अलग तोहफे मिलते है ,रक्षासूत्र के साथ चॉकलेट, कॉफ़ी मग या पिल्लों, जिनपे बेस्ट ब्रदर या माई ब्रदर इस बेस्ट जैसे शब्द लिखे होते है। साथ ही आपको बाज़ार में एक ऐसा सर्टिफिकेट भी मिलेगा जिसपर भाई की तारीफ लिखी होती है और बेस्ट ब्रदर का टैग के साथ उसी में रक्षा सूत्र भी होता है।

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राखी के प्रकार –

ये तो हम सभी ने देखा होगा कि सालों साल राखी में भी काफी बदलाव आए है। पहले फोम के बड़े बड़े रक्षासूत्र चलन में थे, ये बाजार में मिलते अभी भी है पर इनकी मांग कम हो गई है। आज कल के लड़कों को जितना साधारण रक्षा सूत्र हो उतना ज्यादा पसंद आता है।

वैसे तो बाजार में कई नई प्रकार के रक्षासूत्र मिल रहे है जैसे कुंदन या स्टोन जड़े हुए राखियां भी लोगों को खूब लुभा रहीं है, इसके साथ ही छोटे से भगवान बने हुए या रुद्राक्ष जड़े रक्षासूत्र सबसे ज्यादा चलन में है। इसके साथ ही बाजार में मिठाई और चॉकलेट वाली राखियां भी आने लगी है, जिसे आप राखी बांधने का बाद खा भी सकते है। बच्चों के लिए खास अलग-अलग कार्टून कैरेक्टर वाले राखी भी मिल रही है, साथ ही किसी-किसी में लाइट भी लगे होते है जिस वजह से बच्चे ऐसी राखी की ओर आकर्षित होते है।

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क्या दे बहनों को तोहफ़ा-

वैसे तो बहनों को तोहफ़े देने के लिए बहुत कुछ होता है। पर अगर आप अपनी बहन को सच्चे दिल से कुछ देना चाहते है तो उनसे कुछ वादे करे, की उनके हर फैसले में उनका साथ देंगे। उनके सुख दुख में हमेशा साथ खड़े रहेंगे। अपनी बहन की हिम्मत बढ़ाए, उन्हें खुद के पैरो पर खड़ा होने के लिए और अकेले दुनिया से लड़ने के लिए प्रेरित करे। उनके साथ उनकी ताकत बन कर रहे। भाई बहन के बीच स्नेह तो बहुत होता है पर बहन अपने भाई से सारी बाते खुलकर नहीं कर सकती है इसलिए सिर्फ एक भाई नहीं बल्कि उनका दोस्त बनने की कोशिश करे।

रक्षाबंधन का इतिहास-

इस परम्परा की शुरुवात रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं द्वारा किया गया था। मध्यकालीन युग में राजपूत और मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था, तब चित्तौड़ के राजा की विधवा रानी कर्णावती ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख, हुमायूं को राखी भेजी थी और साथ ही एक खत लिखा जिसमे उन्होंने हुमायूं से एक बहन के रूप में मदद की गुहार लगाई थी। तब हुमायूं ने उनकी रक्षा कर उन्हें बहन का दर्जा दिया था। तब से लेकर आज तक यह त्योहार पूरे भारत में सभी धर्म के लोग बहुत ही उत्साह से मानते है।