इस बार ‘पहला कारसेवक’ बन सकता है बिहार का उपमुख्यमंत्री, जानें कौन है वह

पटना. ऑनलाइन टीम : बिहार में चुनावी घमासान के बाद अब सरकार की बात तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर घोषणा के बाद मुख्यमंत्री के लिए तो शक नहीं रह गया है, लेकिन उपमुख्यमंत्री पद पर नजरें टिक गईं हैं। सुशील कुमार मोदी के स्थान पर नए चेहरे की धमक तेज हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या में 1989 में हुए राम मंदिर शिलान्यास के दौरान पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

साल 1989 में राम मंदिर की नींव के लिए पहली ईंट रखने के साथ ही चौपाल इतने मशहूर हो गए कि वे दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य भी बने। जब अयोध्या में राममंदिर के बनाने के लिए संघर्ष चल रहा था, तब विश्व हिन्दू परिषद के आह्वान पर राममंदिर के निर्माण के लिए बिहार से कामेश्वर चौपाल भी ईंट लेकर अयोध्या पहुंचे थे।  नवंबर 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम रखा गया था। उस समय कामेश्वर चौपाल अयोध्या में ही मौजूद थे।

वे एक टेंट में रह रहे थे। उनके कमरे में विहिप के तत्कालीन प्रमुख अशोक सिंघल के एक करीबी व्यक्ति आए और उन्हें बताया कि आपको शिलान्यास के लिए चुना गया है। इसके बाद चौपाल ने ही राम के मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखी थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता कामेश्वर चौपाल दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।  आरएसएस ने उन्हें पहले कारसेवक का दर्जा दिया है। वह 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं।

कामेश्वर ने अपनी पढ़ाई-लिखाई मधुबनी जिले से की है। यहीं वे संघ के संपर्क में आए थे। उनके एक अध्यापक संघ के कार्यकर्ता हुआ करते थे। संघ से जुड़े उसी अध्यापक की मदद से कामेश्वर को कॉलेज में दाखिला मिला था। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही वे संघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो चुके थे। इसके बाद उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बना दिया गया था।