इंद्रायणी नदी पाट में मिली हजारों मृत मछलियां

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – घटता जलस्तर और बढ़ते प्रदुषण से इंद्रायणी नदी के जलचरों का वजूद खतरे में आ गया है। इस कड़ी में रविवार को देहूगांव स्थित इंद्रायणी नदी के पाट में अचानक से हजारों मृत मछलियां पायी गई। गोपालपुरा के नदी पाट में अचानक से हजारों मृत मछलियां तैरती नजर आयी। लोगों ने करीबन दो हजार मृत मछलियों को नदी से बाहर निकाला। यह जानकारी तेजी से इलाके में फैली, जिसके चलते लोगों की भारी भीड़ यहां उमड़ पड़ी थी। फ्रेंडस ऑफ नेचर के सदस्यों ने भी मौके का मुआयना किया।
देहूगांव में तीर्थक्षेत्र विकास योजना के तहत अपशिष्ट उपचार परियोजना (एसटीपी) परियोजना का कार्य शुरू गया है। इस परियोजना के तहत, देहूगांव का मैलापानी पूरी प्रक्रिया के बाद ही नदी में छोड़ा जाएगा। हालांकि, परियोजना में देरी के कारण, देहुगांव का मैलापानी अभी भी नदी के बेसिन में छोड़ा जा रहा है। इस कारण नदी का पानी बहुत दूषित हो गया है। पानी पर बड़ी संख्या में जलप्रपात का साम्राज्य बढ़ गया है। नदी-नालों में जल स्तर कम हो गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि नदी में मछलियों की मौत इसी वजह से हुई है।
नदी से निकाली गई मृत मछलियों को देखने के लिए इलाके के नागरिकों की भीड़ लगी रही। हालांकि, नदी के प्रदूषण को कम करने के अलावा कोई आगे नहीं आता है। देहुगांव में संत तुकाराम महाराज का पवित्र मंदिर है। इसलिए, इस गाँव को तीर्थक्षेत्र का सम्मान मिला है। संत तुकाराम महाराज के दर्शन करने के लिए हर साल लाखों भक्त देहूगांव आते हैं। दर्शन करने से पहले इंद्रायणी नदी में स्नान करते हैं। यही नहीं इसी नदी का पानी तीर्थ के रूप में पिया भी जाता है। हालाँकि, यह पानी बहुत दूषित हो गया है। इससे जलचरों के वजूद के खतरे के साथ ही श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।