मुस्लिम सहेली की जिंदगी बचाने के लिए पिता से भिड़ी पंजाबी दोस्त, लिया ऐसा निर्णय

जम्मू -कश्मीर : समाचार ऑनलाइन – मुस्लिम सहेली समीरन अख्तर की जिंदगी बचाने के लिए उसे किडनी दान करने के लिए पिता से भिड़ी उसकी दोस्त मंजोत। पिता चाहते थे की बेटी किडनी दान करने के निर्णय को बदल दे, मंजोत के पिता गुरदीप सिंह ने अब राजयपाल सत्यपाल मलिक से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है की वह आर्थिक रूप से इतना मजबूत नहीं है कि कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर बेटी को रोक सकें। वे बोले कि , बेटी को अब भी सही राह पर लाने का प्रयास कर रहा हूँ। नौकरी के सिलसिले में बेटा घर से बाहर है। पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और वह घर पर अकेले रहते हैं। भाग दौड़ में भी असमर्थ हैं। इसलिए चाहते है की बेटी किडनी दान करने के निर्णय को बदल दे और घर लौट आए। राज्यपाल से भी अपील कर रहे हैं कि वह मामले में हस्तक्षेप कर बेटी को किडनी दान करने से रोकें।

पिता को एमएमएस से दिया संदेश

गुरदीप सिंह ने कहा कि रविवार देर रात को बेटी ने एमएमएस संदेश भेजा है, जिसमे लिखा है कि मुबारक हो पापा जो चाहते थे वह हो गया है। जिंदगी में कभी शक्ल नहीं दिखाउंगी।

सहेली को बचाने का मौका फिर नहीं मिलेगा : मंजोत

मंजोत सिंह ने कहा है कि वह आज भी अपने निर्णय पर कायम है। वह इंसानियत के नाते अपनी सहेली की जान बचाने का प्रयास कर रही है। रिश्तो को बाद में भी बचाया जा सकता है, लेकिन सहेली की जिंदगी बचाने का मौका दुबारा नहीं मिलेगा।

आज आएगा स्किम्स का फैसला

मंगलवार को शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (स्किम्) को बैठक कर इस पर निर्णय लेना है। उम्मीद है की किडनी दान करने की अनुमति मिल जायेगी।