उत्तरकाशी: समाचार ऑनलाइन- उत्तरकाशी के आराकोट समेत आसपास के कई इलाकों में बादल फटने की घटना के बाद से इलाके में तबाही का तांडव मचा हुआ है. यहाँ के हजारों परिवार बाढ़ की चपेट आ गए हैं. ऐसे में बेहद ही दिल-दहला देने वाला एक मामला सामने आया है. यहाँ एक महिला नदी में बह गई और उसकी दो बेटियां और पति बेबस और लाचार बन कर, उसे लहरों में समाते हुए देखते रह गए. बेटियां मम्मी…मम्मी कह कर आवाज लगाती रही, लेकिन तेज पानी की धाराओं ने उनसे, उनकी माँ को हमेशा के लिए छीन लिया. जिस किसी ने भी इस घटना के बारे में सुना उसका कलेजा पसीज गया.
रो-रोकर बेटियों का बुरा हाल
यह हुदय विदारक घटना भाकुड़ी गांव निवासी उपेंद्र के साथ हुई है. वह उसकी बीवी तरोजना व दो मासूम बच्चियों अंशिका (5) व विद्या (3) के साथ नदी पर कर रहा था. तभी अचानक पानी का सैलाब आया और तरोजना को अपने साथ बहाकर ले गया. उस समय उपेंद्र ने अपने कंधों पर दोनों बेटियों को सुरक्षित बैठा रखा था. एक तरफ पत्नी बह रही थी और दूसरी तरफ बेटियों की जान उसके हाथ में थी. उसके सामने पत्नी या बच्चियों को बचाने की जटिल स्थिति पैदा हो गई थी.
ऐसे में बेबस बनकर उसने बेटियों की जान की रक्षा करी. वहीं अपनी माँ को नदी की गहराइयों में समाता देख, बेटियों की आंसुओं की धाराएं फुट पड़ी. लेकिन कुदरत के कोद्र रूप के आगे कोई कुछ नही कर सका.
इन तीनों के लिए जीवन में इससे बुरी व खौफनाक हकीकत कोई हो ही नहीं सकती. पति को भी यही बात कचौटती रहेगी कि उसके आँखों के सामने उसके बच्चों की माँ नदी में समा गई.
डबडबाती आँखों और भरे गले में बयाँ की घटना
हालाँकि नदी पार करते समय एक बार और नदी में उफान आया था, जिसमे उपेन्द्र भी घायल हो गया है, लेकिन दोनों बेटियां सुरक्षित हैं. फिलहाल दून अस्पताल में उपेन्द्र अपना इलाज करवा रहे हैं. इस घटना की जानकारी देते हुए भरे गले और डबडबाती आँखों से उपेन्द्र ने दिल को छलनी कर देने वाली घटना को बयाँ किया है. उपेन्द्र के परिवार में कोई ऐसा बड़ा नहीं है, जो बच्चियों की देखरेख कर सकें. इसलिए फिलहाल दोनों बच्चियां अपनी मासी के साथ हैं.