जनता की रक्षा पुलिस का जिम्मा, असली रक्षक तो सिक्योरिटी गार्ड्स ही  

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन 

सिक्योरिटी गार्ड्स के मार्गदर्शन शिविर में डीसीपी नम्रता पाटिल का मत

हाउसिंग सोसाइटियों में तैनात किये जानेवाले सिक्योरिटी गार्ड्स चुस्त और तंदुरुस्त रहने के साथ ही आपदा, हादसा और वारदातों का मुकाबला करने के लिहाज से तैयार भी रहने चाहिए। इसे ध्यान में रख पिंपरी चिंचवड़ पुलिस के वाकड थाने की पहल में सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर अपने संबोधन में डीसीपी नम्रता पाटिल ने निजी सिक्योरिटी गार्ड्स को असली रक्षक बताते हुए कहा कि, जनता की रक्षा के लिए हम 24 घंटे अपने घरों से बाहर होते हैं।

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तब हमारा परिवार हमारे घरों में ही होता है। ऐसे में हमारे घरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिक्योरिटी गार्ड्स पर होती है। अतः यह जरुरी है कि सिक्योरिटी गार्ड्स शारीरिक दृष्टि से तंदुरुस्त रहने के साथ ही हर हालात का मुकाबला करने के लिहाज से सक्षम हो और हमारी भी जिम्मेदारी है कि उनकी सुख- सुविधाओं का ख्याल रखा जाय।

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बालाजी सोसायटी कॉलेज के हॉल में संपन्न हुए इस शिविर में वाकड ठाणे की सीमा क्षेत्र के तकरीबन 700 सिक्योरिटी गार्ड्स, उनकी एजेंसियों के मालिक, सुपरवाइजर, 200 हाऊसिंग सोसाइटियों के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे। शिविर के मंच पर एसीपी श्रीधर जाधव, वाकड थाने के वरिष्ठ निरीक्षक सतीश माने, शिवाजी गवारे, शिंदे, सुनील पिंजण आदि उपस्थित थे। वाकड थाने की सीमा में तक़रीबन 350 हाउसिंग सोसाइटियां हैं।

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कई बार सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती के बाद भी चोरी जैसी वारदातें हुई हैं, कई बार सिक्योरिटी गार्ड्स ही ऐसी वारदातों में शामिल रहने की जानकारी सामने आयी है। उनकी तैनाती के वक्त पुलिस वेरिफिकेशन जैसी अहम बात को नजरअंदाज किया जाता है। सिक्योरिटी गार्ड्स भी चेकिंग, सीसीटीवी, अग्निकांड, लिफ्ट के हादसे जैसी आपदा और विपदाओं से निपटने के लिए सक्षम और तैयार नहीं रहते, उन्हें वैसी कोई ट्रेनिंग नहीं मिलती। इसे ध्यान में रख वाकड पुलिस ने इस शिविर का आयोजन किया था।

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सिक्योरिटी गार्ड की आपूर्ति करनेवाली एजेंसियों, कंपनियों द्वारा अपने गार्ड्स को उपरोक्त तमाम बातों के लिए कोई ट्रेनिंग या मार्गदर्शन नहीं दिया जाता। यहां तक कि इसका व्यवसाय करते वक्त जरुरी लाइसेंस लेने तक की जरुरत नहीं समझी जाती। हाउसिंग सोसाइटियों के अध्यक्ष, सचिव सिक्योरिटी गार्ड्स पर सोसाइटी के दूसरे कामों की पूरी जिम्मेदारी सौंप कर निश्चिन्त हो जाते हैं। इन तमाम पहलुओं पर इस शिविर में पुलिस और अन्य विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन किया गया।

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 विद्यापन