10वीं की परीक्षा में सत्तादल भाजपा की दो नगरसविकाओं ने भी मारी बाजी

एक ने पाए 55 तो दूसरी ने पाए 72 फीसदी मार्क्स

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

महाराष्ट्र एसएससी बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए हैं। इसमें पिंपरी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा की दो नगरसेविकाओं ने भी सफलता प्राप्त की है। घर-परिवार के साथ मनपा का कामकाज संभालते हुए एसएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने को लेकर दोनों नगरसेविका सराहना की पात्र साबित हुई हैं। उनमें शामिल हैं स्थायी समिति की अध्यक्षा ममता गायकवाड़ जिन्होंने 55 फीसदी और फ़ क्षेत्रीय कार्यालय समिति की अध्यक्षा कमल घोलप जिन्होंने 72 फीसदी मार्क हासिल कर 10वीं की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।

मनपा के तिजोरी की चाबियां रखने वाली स्थायी समिति की अध्यक्षा ममता गायकवाड़ गत वर्ष हुए मनपा चुनाव में पहली बार नगरसेविका चुनी गई हैं। इससे पहले उनके पति विनायक गायकवाड़ नगरसेवक थे, महिला आरक्षित सीट घोषित होने से चुनाव के मैदान में वे उतरी थी। आठवीं के आगे पढ़ाई न कर सकने अफसोस उन्हें था, इसलिए 17 नम्बर म फार्म भरकर इस साल उन्होंने 10वीं की परीक्षा देने का फैसला किया। मार्च में ही स्थायी समिति में सदस्यों की नियुक्ति की भागदौड़ शुरू थी और परीक्षा भी। सदस्य नियुक्ति के बाद अध्यक्ष पद की घुड़दौड़ में भी उन्होंने बाजी मारी और परीक्षा में भी। बीते दिन एसएससी परीक्षा के नतीजे ऑनलाइन घोषित किए गए। रिजल्ट हाथ में आते ही उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। मराठी में उन्हें 38, हिंदी में 39 कम मार्क मिले। मगर गणित विषय में उन्हें 59 मार्क मिले। स्थायी समिति हर काम का गणित बिठाना पड़ता है। अब यहां का गणित वह कैसे जमाती हैं? यह देखना दिलचस्प होगा।

भाजपा की ही दूसरी नगरसेविका और फ़ क्षेत्रीय समिति की अध्यक्षा कमल घोलप स्कूल छोड़ने के 21 सालों बाद 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण होने से बेहद खुश हैं। उन्हें सभी विषयों में मिलाकर 72 फीसद मार्क्स मिले हैं। मनपा और अपने प्रभाग के रोजमर्रे के कामकाज को संभालते हुए लोगों की समस्याओं का निवारण करते हुए उन्होंने एसएससी परीक्षा की तैयारी की और घर-मनपा-प्रभाग सँभालते हुए यह सफलता प्राप्त की। उनकी उच्च शिक्षा हासिल करने की काफी इच्छा थी, मगर घर की माली हालत खराब रहने से उनकी यह इच्छा दबी रह गई। माता-पिता ने जल्द ही उनका विवाह करा दिया, जिससे उनकी शिक्षा अधूरी रह गई। हांलाकि उन्होंने हार नहीं मानी और स्कूल छोड़ने के 21 सालों बाद 10वीं की परीक्षा दी और उसमें उत्तीर्ण भी हुई। भाजपा की इन दोनों नगरसेविकाओं की सफलता की शहरभर सराहना की जा रही है।