विसर्जन रैली के दौरान हिंसा; 10 पुलिसवाले घायल, 35 गिरफ्तारियां

जबलपुर। समाचार ऑनलाइन – काली माता की मूर्ति का विसर्जन पवित्र नर्मदा नदी में करने से रोकने पर भक्तों ने पुलिसर्किमयों पर कथित रूप से पथराव कर दिया जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल हो गये। हिंसा पर उतारू भीड़ ने पुलिस की सात मोटरसाइकिलों को आग लगा दी और उनके पांच चार-पहिया वाहनों में भी तोड़फोड़ की। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने ने लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस मामले में पुलिस ने उपद्रव करने वाले करीब 35 लोगों को गिरफ्तार किया है। मध्य प्रदेश के जबलपुर के निकट ग्वारीघाट में मंगलवार को यह घटना घटी। जबलपुर जिले की महिला कलेक्टर छवि भारद्वाज ने भी एक लाठी भांजकर उपद्रवियों को भगाया।

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घटनास्थल पर तैनात नगर पुलिस अधीक्षक अर्जुन उइके ने बताया कि उपद्रव उस वक्त शुरू हुआ जब भक्तों द्वारा प्रसिद्ध ‘मन्नत वाली काली माता’ की प्रतिमा को विसर्जन के लिए नर्मदा नदी स्थित ग्वारीघाट ले जाया जा रहा था। पुलिस ने उन्हें यह कहकर रोका कि देवीजी की प्रतिमा को नर्मदा में विर्सिजत नहीं करें। पुलिस ने भक्तों से कहा कि नर्मदा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए इसमें मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध है, इसलिए मूर्तियां नदी में विर्सिजत नहीं की जा सकती। मूर्तियों के विसर्जन के लिए नदी के पास अलग से एक कुंड बनाया गया है। हालांकि विसर्जन के लिए आये लोगों ने मूर्ति का विसर्जन जबर्दस्ती नर्मदा में करने की कोशिश की और असफल होने पर पुलिस पर पथराव किया और पुलिस की मोटरसाइकिलों को आग लगा दी।

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पथराव में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और पुलिस की पांच चार-पहिया वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं, आगजनी में पुलिस की सात मोटरसाइकिलें जल गईं। ग्वारीघाट इलाके के आसपास रहने वाले लोगों के अनुसार पुलिस एवं भक्तों के बीच जमकर पथराव हुआ। पुलिस बल भक्तों के मुकाबले बहुत कम था। हालात पर काबू पाने के लिए शहर से और पुलिस बलों को भेजा गया। इसी बीच, कलेक्टर छबि भारद्वाज एवं जबलपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह भी मौके पर पहुंचे, जिसके बाद उपद्रवियों को तितर-बितर किया गया। पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा, केवल 10 मिनट में ही स्थिति पर काबू कर लिया। उपद्रवियों को भगाने में कलेक्टर मैडम भी एक्शन में आईं थीं। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया और विस्तृत जांच जारी है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया तथा आंसू गैस के गोले भी छोड़े। बाद में पुलिस ने काली माता की प्रतिमा का विसर्जन कुंड में कर दिया और अब इलाके में शांति है।