राज्य के डैमों का जलस्तर तेज़ी से जा रहा नीचे, केवल 57% पानी शेष

सरकार द्वारा लोगों से पानी के बेहतर इस्तेमाल की अपील 
सोलापुर : समाचार ऑनलाइन – राज्य में कुल 3 हजार 266 बड़े, मध्यम और छोटे डैम हैं, लेकिन तेज गर्मी की वजह से इनका जल स्तर में कम होता जा रहा है। फिलहाल इन डैमों में केवल 57 प्रतिशत पानी शेष बचा है। पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत पानी कम है। इस वर्ष मराठवाड़ा, नासिक, पुणे व अमरावती में जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है। पिछले वर्ष की तुलना में मराठवाड़ा डैम में पानी का स्टॉक 46 प्रतिशत तक घट गया है। वही दूसरी तरफ नासिक के वॉटर स्टॉक में 24 प्रतिशत और पुणे के वॉटर स्टॉक में 17 प्रतिशत, अमरावती में 14 प्रतिशत, कोकण में 7 प्रतिशत व नागपुर विभाग के वॉटर स्टॉक में 9 प्रतिशत की कमी आई है।
मानसून की शुरुआत में बारिश से राज्य की अधिकांश डैम 100 प्रतिशत तक भर गई थी, लेकिन सूखे की तीव्रता के कारण जल स्तर तेजी से नीचे चला गया है। इसका परिणाम रवी की बुआई पर हुआ है। राज्य में अब तक केवल 17 प्रतिशत रवी की बुआई हुई है। सरकार ने अब लोगों से अपील की है कि सूखे की तीव्रता को कम करने के लिए हर वर्ग उपलब्ध पानी में से जानवरों और खुद के पीने के लिए बेहतर योजना बनाए।
हाल ही में राज्य सरकार ने राज्य की 151 तहसीलों में सूखे की घोषणा की। इन तहसीलों में आज 400 से अधिक टैंकरों से वॉटर सप्लाई किया जा रहा है। कई गांवों में लोगों को खरीद कर पानी पीने की नौबत आ गई है। ऐसे हालात में अगर पानी की बर्बादी को रोका जाता है। पाइप लाइन से होने वाली लीकेज से पानी को बचाया जाता है तो इस समस्या से बहुत हद तक निपटा जा सकता है। सबसे बड़ी मुसीबत डैम में जमी कीचड़ (गाद) की है जिसकी वजह से पीने योग्य पानी की उपलब्धता कम होती जा रही है। बेहतर तकनीक से अगर इसकी सफाई का प्रबंध होता है तो यह भी सूखे की मार से बहुत हद तक बचा सकता है।