आबादी व राष्ट्रीय मानक के आधार पर वाटर सप्लाई होगी : डॉ. रणजीत पाटिल

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – झोपड़पट्टी के निवासियों को बिल्डिंगों में रहने वाले नागरिकों की तुलना में एक तिहाई वाटर सप्लाई की जाती है। शहर विभाग में पाइपलाइनों के जाल होने से वहां पानी ज्यादा लीक होता है। इस वजह से मुंबई व उपनगरों में आबादी के आधार पर राष्ट्रीय मानक के अनुसार वाटर सप्लाई का प्रयास मनपा द्वारा किया जा रहा है।यह जानकारी नगर विकास राज्यमंत्री डॉ. रणजीत पाटिल ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रश्न के जवाब में दी।

उन्होंने बताया कि मनपा द्वारा पानी की बर्बादी रोके जाने का प्रयास शुरू है। इस कार्य के लिए जल वितरण सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत सलाहकार की नियुक्ति की गई है।इस कार्यक्रम में लीकेज नियंत्रण पर जोर दिया जा रहा है।सुझाव के अनुसार हीलियम गैस की तकनीक से लीकेज की तलाश की जा रही है।मनपा के पास लीकेज की तलाश हेतु अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं व उनकी सहायता से कार्य जारी है। बृहन्मुंबई मनपा की शहर विभाग की पाइपलाइनें बहुत पुरानी हो चुकी हैं।उन्हें बदला जा रहा है।

मनपा ने पुरानी पाइपलाइनों के रिन्यूवल व पुनर्वास का प्रोजेक्ट शुरू किया है। पिछले 5 सालों में 206 किलोमीटर लंबाई की पुरानी पाइपलाइनें बदली जा चुकी हैं। मुंबई में करीब 3,800 दस लाख लीटर पानी सप्लाई किया जाता है। मुंबई की पानी की बढ़ती मांग को दृष्टि में रखते हुए गारगाई, पिंजाल एवं दमणगंगा जलस्त्रोतों के चरणबद्ध विकास का प्रस्ताव मनपा द्वारा रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के सन 2031 तक पूर्ण होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट के पूर्ण हो जाने पर प्रतिदिन 6 दस लाख लीटर पानी उपलब्ध हो सकेगा।