ऐसा क्या था अजीत पवार के पत्र में जिसकी वजह से फडणवीस मुख्यमंत्री बने

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – महाराष्ट्र में सरकार गठन के संदर्भ में फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है. इस संबंध में कल सुबह अंतिम निर्णय आएगा. आज हुई कोर्ट की सुनवाई में अजीत पवार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा जबकि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने अपना-अपना पक्ष रखा.  लेकिन आज हुई बहस में पहली बार पवार के भाजपा के साथ जाने का पक्ष सामने आया.

देवेंद्र फडणवीस ने अजीत पवार और गुट के साथ जाकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. जबकि अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद चर्चा शुरू हो गई कि अजीत पवार के साथ कितने विधायक है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान अजीत पवार द्वारा राज्यपाल को सौंपे गए का खुलासा हुआ. पत्र में कहा गया है कि अजीत पवार ने सरकार गठन के लिए भाजपा को अपना समर्थन दिया.

पवार ने पत्र में कहा कि अधिक समय तक राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं हो, ऐसी मेरी इच्छा है और इसलिए मैं भाजपा को समर्थन दे रहा हूं. खास बात ये है कि इस पर 54 विधायकों के हस्ताक्षर है. खास बात ये है कि इसमें कहा गया है कि मैं राष्ट्रवादी को गुटनेता हूं और मेरे साथ 54 विधायक है. पवार ने ये पत्र 22 नवंबर को राज्यपाल को दिया है.
आज कोर्ट में हुई सुनवाई में अजीत पवार का यह पत्र बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ. महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कोर्ट में यह पत्र पढ़कर सुनाया. विरोधियों ने दावा किया था कि राज्यपाल ने गलत तरीके से शपथ समारोह पूरा करवाया.
इस पर मेहता ने उत्तर देते हुए कहा कि अजीत पवार द्वारा दिए गए पत्र के आधार पर राज्यपाल ने शपथ समारोह करवाया. मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि देवेंद्र फडणवीस को राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायकों का समर्थन है. एक पवार हमारे साथ है तो दूसरे विरोध में.