महापौर की कुर्सी पर किसका होगा कब्जा ? आज फैसला तय.

पिंपरी। संवाददाता – बहुप्रतीक्षित महापौर पद के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के अनुसार कल (सोमवार) नामांकन पत्र दाखिल किया जाना है। पिंपरी चिंचवड़ मनपा में भाजपा के पास 77 नगरसेवकों का पूर्ण बहुमत रहने से उसी का महापौर और उपमहापौर चुना जाना तय है। यानी कल नामांकन दाखिल करने के बाद यह तय हो जाएगा कि पिंपरी चिंचवड़ की अगली महापौर कौन होगी? ज्ञातव्य हो कि शहर में महापौर पद महिलाओं के लिए आरक्षित हुआ है।
पुणे के संभागीय आयुक्त डॉ दीपक म्हैसेकर ने पिंपरी चिंचवड़ मनपा में महापौर और उपमहापौर चुनाव के लिए पुणे मनपा के अतिरिक्त आयुक्त शंतनु गोयल को बतौर पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है। घोषित चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक 22 नवंबर की सुबह विशेष सर्वसाधारण सभा में नए महापौर व उपमहापौर का चयन किया जाएगा। 18 नवंबर यानी सोमवार को इन पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। सभागृह में भाजपा के 77, राष्ट्रवादी कांग्रेस के 36, शिवसेना के 9, मनसे के 1 और निर्दलीय 5 कुल 128 नगरसेवक हैं। ऐसे में भाजपा का ही महापौर और उपमहापौर चुना जाना तय है।
विधानसभा चुनाव के चलते महापौर पद के आरक्षण का ड्रा टल गया था जिसके चलते मौजूदा महापौर राहुल जाधव को अतिरिक्त कार्यकाल मिल सका। यह कार्यकाल 21 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है। हालिया आरक्षण का ड्रा निकाला गया जिसमें पिंपरी चिंचवड़ का महापौर पद खुले प्रवर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हुआ है। पुणे के संभागीय आयुक्त डॉ दीपक म्हैसेकर के आदेशानुसार इस चुनाव के लिए 22 नवंबर को विशेष सर्वसाधारण सभा बुलाई गई है।18 नवंबर को नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सत्तादल भाजपा में अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो सोमवार को ही तय हो जाएगा कि पिंपरी चिंचवड़ की अगली महापौर और उपमहापौर कौन होंगे? हालांकि बदले हुए सियासी माहौल के चलते अगर भाजपा की कोई नगरसेविका बगावत का परचम लहराती है तो सभी विपक्षी दल उसका साथ देंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।
गौरतलब हो कि शहर में अब तक छह महिला नगरसेविकाओं को महापौर पद पर मौका मिला है। शहर में पहली महिला महापौर अनिता फरांदे रही हैं। उनके बाद खुले प्रवर्ग से मंगला कदम और मोहिनी लांडे को ढाई साल तक इस पद पर अवसर मिला था। सत्तादल भाजपा की ओर से कुल 39 महिला नगरसेविकाएँ मनपा में चुनकर आयी हैं। उसमें खुले प्रवर्ग से कुल 21 नगरसेविकाएं शामिल हैं। अब इनमें से किसी एक के गले में या फिर दूसरे प्रवर्ग से चुनी गईं दूसरी नगरसेविकाओं के गले में महापौर पद की माला पड़ेगी? यह देखना दिलचस्प होगा। इसके साथ ही यह भी उत्सुकता है कि नई महापौर सत्तादल के सर्वेसर्वा रहे दो विधायकों में से किस विधायक की समर्थक होगी? क्योंकि मनपा में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा के पहले महापौर साबित हुए नितिन कालजे और दूसरे यानी मौजूदा महापौर राहुल जाधव दोनों भी भोसरी विधानसभा के विधायक महेश लांडगे के कट्टर समर्थक रहे।