38 पैसों की वृद्धि के साथ पुणे में पेट्रोल पहुंचा 88.88₹

पुणे। समाचार ऑनलाइन
पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी लगातार जारी है। शनिवार को एक बार फिर तेल के दामों में बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में पेट्रोल के दाम 35 पैसे बढ़े हैं, जबकि डीजल की कीमत में 24 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। मुंबई में यह बढ़त 34 और 25 पैसे से हुई है। वहीं पुणे में पेट्रोल के दाम 38 पैसों से बढ़ गए हैं जबकि डीजल में 25 पैसों का उछाल आया है। इस वृद्धि के साथ शनिवार को पुणे में पेट्रोल 88.88 रुपए, डीजल 76.75 रुपए और पॉवर पेट्रोल 91.65 रुपये प्रति लीटर रहा।
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राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 81.63 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल 73.54 रुपये प्रति लीटर मिल रहे हैं। वहीं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पेट्रोल के दाम 34 पैसे प्रति लीटर बढ़े हैं, जबकि डीजल के दाम में 25 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। शनिवार को मुंबई में पेट्रोल की कीमत 89.01 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल 78.07 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के पीछे सबसे बड़ा कारण डॉलर की मुकाबले रुपये का गिरना है। चूंकि रुपये में लगातार गिरावट आ रही है, इसकी वजह से तेल कंपनियां भी लगातार कीमतों में बदलाव कर रही हैं।
तेल कंपनियों को कीमतों का भुगतान डॉलर में करना पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें अपना मार्जिन पूरा करने के लिए तेल की कीमतों में इजाफा करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी और बढ़ने वाली हैं। हालांकि कर्नाटक चुनावों के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम बिलकुल नहीं बढ़े थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि चार राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान सरकार तेल की कीमतों पर लगाम लगा सकती है। हालांकि राजस्थान, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने पहले ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर वैट कम कर दिया है।
बहरहाल प्रधानमंत्री शनिवार को भी प्रमुख नीति निर्माताओं के साथ एक और बैठक करेंगे, जिसमें रुपये को गिरने से रोकने और ईंधन कीमतों में तेजी थामने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक ऐसे समय बुलाई गई है जब भारतीय मुद्रा अगस्त से एक डॉलर के मुकाबले छह फीसदी गिरावट के साथ अपने न्यूनतम स्तर 72 रुपये पर पहुंच चुकी है। पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार नई ऊंचाई छू रहे हैं। विपक्षी पार्टियां गिरते रुपये को थामने के लिए ठोस उपाय उठाने और तेल की कीमतें कम करने को लेकर टैक्स कटौती का सरकार पर लगातार दबाव बना रही हैं। हालांकि वित्त मंत्रालय ने टैक्स कटौती से साफ इनकार कर दिया है। मंत्रालय के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल में दो रुपये की कटौती से करीब 30 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। हालांकि सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगी।