नालासोपारा विस्फोटक सामग्री मामले में हुआ बड़ा खुलासा

50 से 60 बम बनाने हेतु पर्याप्त था बरामद केमिकल पाउडर
मुंबई। समाचार ऑनलाइन
मुंबई से सटे नालासोपारा में हिंदुत्ववादी संगठन के कार्यकर्ता वैभव राउत के घर से बरामद करीबन 24 किलो की केमिकल पाउडर कुछ और नहीं बल्कि घातक विस्फोटक ही है। राज्य फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हो गई है। महाराष्ट्र एटीएस का कहना है कि वह काफी ज्वलनशील विस्फोटक है, जिससे करीब 50 से 60 बम बनाए जा सकते थे। यही नहीं गिरफ्तार आरोपियों की साजिश इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले सनबर्न फेस्टिवल में बम धमाके करने की थी।
एटीएस को गोरक्षक और सनातन संस्था के समर्थक वैभव राउत के नालासोपारा स्थित घर से अलग-अलग केमिकल पाउडर बरामद हुआ था, जिसका वजन करीब 24 किलो था। इसके अलावा एटीएस ने वैभव के घर से 22 बम भी जब्त किए थे, जो 500 से 600 ग्राम वजन के हैं। विस्फोटक के बरामद होने के साथ ही जांचकर्ताओं ने बड़ी आतंकी साजिश का खुलासा किया। एटीएस के मुताबिक पॉप्युलर सनबर्न म्यूजिक फेस्टिवल जो कि नवंबर-दिसंबर 2018 में होना है वह आरोपियों के टेटर मॉड्यूल में शामिल था। सनबर्न फेस्टिवल हर साल पुणे के नजदीक होता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक फेस्टिवल है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं।
एटीएस ने कोर्ट को बताया था कि गिरफ्तार आरोपियों ने पिछले सनबर्न फेस्टिवल को दहलाने का भी षडयंत्र बनाया था, जिसे वह ऐंटी हिंदू मानते हैं लेकिन साजिश सफल नहीं हो पाई थी। सूत्रों के अनुसार, बरामद किए गए बम सनबर्न फेस्टिवल से करीब एक महीने पहले बनाए गए थे। पिछले महीने नालासोपारा में छापेमारी के दौरान पाउडर मिलने के बाद एटीएस ने इसे स्टेट फरेंसिक साइंस लैब में रासायनिक विश्लेषण के लिए भेज दिया था। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बरामद हुआ पाउडर विस्फोटक है। एटीएस ने इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें राउत भी शामिल है।
लंकेश हत्याकांड में इस्तेमाल बाइक बरामद
गौरी लंकेश की हत्या में शामिल बाइक बरामद
उधर एटीएस ने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या में इस्तेमाल वाहन को बरामद कर लिया है। महाराष्ट्र एटीएस के मुखिया अतुलचंद्र कुलकर्णी ने वाहन की पहचान की। हमलावरों द्वारा इस्तेमाल की गई बाइक की पहचान करने के बाद उसे कर्नाटक के विशेष जांच दल को सौंप दिया गया है। नालासोपारा में एक घर में जांच के दौरान जब भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ, उसके कुछ समय बाद महाराष्ट्र के सुदूर इलाके में एक बाइक मिली। जांच में यह साफ हो गया कि इसे गौरी लंकेश को मारने में इस्तेमाल किया गया था।