विपक्ष के आरोपों के साथ ही सरकार को झेलनी पड़ी शर्मिंदगी।

विधानभवन की नालियों की सफाई में निकली बीयर की बोतलें

नागपुर। समाचार ऑनलाइन

भारी वर्षा और विधानभवन में जलजमाव के चलते नागपुर में जारी विधिमंडल के मानसून सत्र के कामकाज पर गहरा असर पड़ा है। दिनभर के लिए कामकाज स्थगित करने की नौबत ने सत्तादल भाजपा की किरकिरी बढ़ा दी। इसके चलते विपक्ष की तीखी आलोचना का शिकार बनी सरकार को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ रही है। इसकी वजह है विधानभवन में नालियों की सफाई के दौरान निकली शराब और बीयर की बोतलें और हालिया पूरे राज्य में बैन की गई प्लास्टिक बैग।

 

नागपुर, महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी है, जहां हर साल विधानसभा का शीतकालीन सत्र होता है और 1961 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि शहर में मॉनसून सत्र का आयोजन हो रहा है। हांलाकि मूसलाधार बारिश की वजह से ये मॉनसून सत्र ठीक से नहीं चल पा रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा के 57 सालों के इतिहास में ये दूसरा मौका रहा, जब विधानसभा पूरी तरह से अंधेरे में डूबी रही। सरकार के शर्मिंदगी की दूसरी बड़ी वजह शराब व बीयर की बोतलों और प्लास्टिक थैलियों की वजह से जाम हुई नालियां हैं। इसकी वजह से पानी की निकासी विधानसभा के बाहर नहीं हो सकी। विधानसभा और विधानपरिषद की सुबह बैठक 6 जुलाई को शुरू होने के कुछ ही देर बाद अंधेरे की वजह से कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

शहर में भारी बारिश के बाद विधान भवन में बिजली आपूर्ति करने वाले स्विंचिंग केंद्र में पानी भरने के कारण बिजली आपूर्ति बंद करनी पड़ी। नागपुर शहर में 5 जुलाई की रात भारी बारिश हुई थी और जब दूसरे दिन सुबह 10 बजे जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सदन में अंधेरा फैला था। सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने अपनी निगरानी में नालियों की सफाई करवाई। नालियों से बीयर की बोतलें निकलवाई गई, प्लास्टिक की थैलियां साफ करवाई गई। ताकि ओवरफ्लो हुआ पानी स्विचिंग रूम तक ना पहुंचे। विधानसभा परिसर में पानी भरने औऱ सदन का कामकाज स्थगित करने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला। वहीं विधानभवन की नालियों से निकाली गई शराब व बीयर की बोतलों ने सरकार की किरकिरी बढ़ा दी है।