इन 8 योजनाओं के बूते मोदी फिर बनायेंगे सरकार

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। सत्ताधारी भाजपा जहां पिछले पांच सालों की उपलब्धियों का खाका बनाने में जुटी है, ताकि जनता को आंकड़ों की जुबानी विकास का पाठ पढ़ाया जा सके। वहीं कांग्रेस इस कोशिश में है कि ‘अच्छे दिनों’ को जुमला करार देकर सरकार की कथनी और करनी में फर्क दिखाया जा सके। हालांकि, उसके लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा। क्योंकि मोदी सरकार की कई योजनाओं ने लोगों को प्रभावित किया है, और यही योजनाएं 2019 में भाजपा को पुन: सत्ता तक पहुंचा सकती है।

  1. प्रधानमंत्री जन धन योजना
    प्रधानमंत्री जनधन योजना में समाज के कमजोर तबके और कम आय वाले परिवारों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। योजना के तहत गरीबों को सेविंग बैंक अकाउंट के साथ-साथ कर्ज लेने, पैसा ट्रांसफर करने, इंश्योरेंस और पेंशन जैसी सुविधाओं को भी जोड़ा गया है। केन्द्र सरकार के ताजे आंकड़ों के मुताबिक देश में 32.41 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों में कुल जमा 81,200 करोड़ रुपये से अधिक है। जनधन के तहत खुले बैंक खातों में 53 फीसदी खाते महिलाओं के खोले गए हैं और 59 फीसदी खाते देश के ग्रामीण इलाकों और कस्बों में खुले हैं। आसानी से ट्रांजैक्शन करने के लिए जनधन खातों पर 24.4 करोड़ रूपे कार्ड भी जारी किए जा चुके हैं।
  1. स्वच्छ भारत अभियान
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को 2 अक्टूबर 2014 को लॉन्च किया और 2 अक्टूबर 2019 तक इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य तय किया गया है।  इस योजना में ग्रामीण परिवारों को घर में शौचालय बनाने के लिए 12,000 रुपये देने का प्रावधान है। यह रकम केन्द्र और राज्य सरकारें एक तय फॉर्मूले के तहत देती हैं। केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 31 अगस्त 2018 तक 88.9 फीसदी ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है। योजना को 2014 में लॉन्च करने के बाद से अभी तक 19 राज्यों के 419 जिलों में 4.06 लाख गांवों में 7.94 करोड़ से अधिक शौचालय बनाये जा चुके हैं।
  1. प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना
    प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 5 करोड़ परिवारों को बिना किसी सिक्योरिटी राशि के एलपीजी कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान किया है। लॉन्च के बाद 5 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रिकॉर्ड 28 महीनों में पूरा किया गया था। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इस योजना का लक्ष्य 8 करोड़ परिवार कर दिया गया है औऱ केन्द्रीय बजट में योजना के लिए 12,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  1. प्रधानमंत्री आवास योजना
    प्रधानमंत्री आवास योजना में देश में सभी परिवारों के लिए 2022 तक घर का प्रावधान किया गया है। इस योजना को 20 नवंबर 2016 को लॉन्च किया गया और 2022 तक 2.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य है। योजना के पहले चरण में 31 मार्च 2019 तक 1 करोड़ पक्के घर बनाये जाने हैं। वित्त वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 1.07 करोड़ पक्के मकान तैयार कर लिए गए हैं। इनमें से 38.20 लाख मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत औऱ बचे हुए मकान इंदिरा आवास योजना के तहत बने हैं।
  1. मुद्रा योजना
    प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन द्वारा छोटे और मध्यम कारोबारियों को बिना किसी सिक्योरिटी के कर्ज दिया जाता है। इसका लक्ष्य नॉन एग्रीकल्चरल सेक्टर में छोटे कारोबार को बढ़ावा देते हुए रोजगार निर्मित करना है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को लॉन्च किया और इसके तहत 5.71 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा जा चुका है। इस योजना का लाभ तीन साल के दौरान 12.27 करोड़ लोगों को दिया गया है, जिसमें 3.49 करोड़ लाभार्थियों ने नए कारोबार के लिए कर्ज लिया है।
  1. सुकन्‍या समृद्धि योजना
    इस योजना की शुरुआत पीएम मोदी ने 22 जनवरी 2015 को की थी। यह असल में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना का ही विस्‍तार है, जिसका मकसद देश में बेटियों के लिए सकारात्‍मक माहौल तैयार करना है। इसमें बेटी के नाम से बैंक खाता खोलने पर सबसे अधिक 9.2 फीसदी का ब्‍याज दर मिलता है। इससे इनकम टैक्‍स में छूट मिलती है। इस खाते की मैच्‍योरिटी खाता खोलने की तारीख से 21 साल या फिर बेटी की शादी की तारीख जो पहले आ जाए, होती है। इसमें शुरुआती जमा राशि‍ 1000 रुपये है, जबकि अधि‍कतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है।
  1. अटल पेंशन योजना
    प्रधानमंत्री जन धन योजना की सफलता से उत्‍साहित देश की युवा पीढ़ी को ध्‍यान में रखकर तैयार की गई मोदी सरकार की यह एक और अहम योजना है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2015 के बजट भाषण में कहा था कि दुखद है कि जब हमारी युवा पीढ़ी बूढ़ी होगी उसके पास भी कोई पेंशन नहीं होगी। यह योजना इसी कमी को दूर करने के लक्ष्‍य के साथ शुरू की गई है। इससे ये सुनिश्चित होगा कि किसी भी भारतीय नागरिक को बीमारी, दुर्घटना या वृद्धावस्था में अभाव की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इसे आदर्श बनाते हुए राष्ट्रीय पेंशन योजना के तौर पर अटल पेंशन योजना एक जून 2015 से प्रभावी हो गई। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेंशन फायदों के दायरे में लाना है। इससे उन्हें हर महीने न्यूनतम भागीदारी के साथ सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठाने की अनुमति मिलेगी।
  1. डिजिटल इंडिया
    प्रधानमंत्री की सबसे महत्‍वाकांक्षी योजनाओं में से एक ‘डिजिटल इंडिया’ की शुरुआत 21 अगस्त 2014 को हुई। इस अभियान का मकसद भारत को एक इलेक्‍ट्रॉनिक अर्थव्यवस्था में बदलना है। सरकार की मंशा है कि सभी सरकारी विभाग और भारत की जनता एक दूसरे से डिजिटल रूप से या इलेक्‍ट्रॉनिक तौर पर जुड़े ताकि प्रभावी प्रशासन चलाया जा सके। इसका एक लक्ष्य कागजी कार्रवाई कम से कम करके सभी सरकारी सेवाओं को जनता तक इलेक्‍ट्रॉनिकली पहुंचाना है। सबसे महत्‍वपूर्ण यह कि इसके तहत देश के सभी गांवों और ग्रामीण इलाकों को इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ा जाना है। डिजिटल भारत के तीन प्रमुख घटक बताए गए हैं- डिजिटल बुनियादी सुविधाएं, डिजिटल साक्षरता और सेवाओं का डिजिटल वितरण। सरकार का मत है‍ कि ऐसा करने से सरकारी कामकाज में पारदर्शि‍ता बढ़ेगी, जिससे भष्टचार कम होगा। सरकार ई-गवर्नेंस और ई-क्रांति के जरिए तकनकी के माध्‍यम से जनता के कामकाज का जल्‍द से जल्‍द निपटारा करना चाहती है।