पिंपरी में मेट्रो पावर स्टेशन का काम शुरू

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – मेट्रो प्रोजेक्ट को बिजली आपूर्ति के लिए महामेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कमल क्रॉस बिल्डिंग के पीछे की जमीन पर टैक्शन पावर सब-स्टेशन बनाया जाएगा। पिंपरी से स्वारगेट तक के कॉरिडोर वन के लिए इस पावर स्टेशन के जरिए बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए जमीन को कब्जे में लेने की कार्यवाही महामेट्रो द्वारा हाल ही में शुरू की गई, लेकिन यहां पर कपड़े और स्वेटर विक्रेताओं द्वारा बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है। अब महामेट्रो ने इन विक्रेताओं के पुनर्वसन की इच्छा जताई है।

मेट्रो के सवा 17 किलोमीटर लंबे स्वारगेट से चिंचवड़ मदर टेरेसा फ्लाईओवर रूट में दापोड़ी से चिंचवड का काम तेज गति से चल रहा है। इस रूट पर मेट्रो के परिचालन के लिए आवश्यक बिजली आपूर्ति के लिए यहां पावर स्टेशन बनाया जाएगा। रेलवे की तरह मेट्रो रूट में ओवरहेडेड वायर के जरिए बिजली सप्लाई की जाएगी। वनाज से रामवाड़ी कॉरिडोर के लिए कोथरूड में एक पावर स्टेशन होगा। गणेशखिंड में तीसरा और आरक्षित पवार स्टेशन बनाया जाएगा।

पिंपरी में पिंपरी-चिंचवड़ मनपा भवन के सामने कमल क्रॉस बिल्डिंग के पीछे सर्वे क्रमांक 209 व 210 के कुल 78 हजार 576।25 स्क्वे। फुट जमीन महामेट्रो को दी गई है। यह जमीन 11 करोड़ 42 लाख 50 हजार 298 रुपए की लीज पर 30 वर्षों के लिए दी गई है। इस जमीन पर महामेट्रो के द्वारा पावर स्टेशन बनाया जाएगा। यह बिजली महावितरण कंपनी के थेड ग्रिड के जरिए कॉमर्शियल रेट पर खरीदी जाएगी। यह स्टेशन 25 केवी वॉट क्षमता का होगा। जरूरत पड़ने पर इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी। पावर स्टेशन बनाने की टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके प्रथम चरण में दापोड़ी से चिंचवड़ रूट के लिए पावर स्टेशन शुरू किया जाएगा। इसकी उप निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। टेंडर की कार्यवाही पूरी होते ही यहां पर पावर स्टेशन बनाने का काम शुरू किया जाएगा।

मेट्रो द्वारा पुनर्वसन की तैयारी: गौतम बिर्हाडे
मेट्रो रिच 1 के प्रोजेक्ट चीफ ने बताया कि पिंपरी के कमल क्रॉस बिल्डिंग के पीछे की खाली जमीन पर बड़ी संख्या में अलग-अलग तरह के व्यापारियों ने अतिक्रमण कर रखा है। टैक्शन पावर स्टेशन बनाने के लिए इस जमीन को कब्जे में लेने की कार्यवाही महामेट्रो ने शुरू की है। इससे यहां अतिक्रमणकारियों को परेशानियां शुरू हो गई हैं। यहां के कपड़े और स्वेटर विक्रेताओं का पुनर्वसन किया जाएगा। इस पूरे परिसर में भारी अतिक्रमण किया गया है। राजनीतिक दलों के बैनर लगाकर व बांस गाड़कर जगह खुद के नाम कर ली गई है।