सेल्स टैक्स के बकाए के विवाद में कारोबारी को ठहराया ‘एजंट’

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन
सेल्स टैक्स के बकाए को लेकर पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में एक कारोबारी को ‘एजंट’ करार दिए जाने का मामला सामने आया है। पुणे पुलिस द्वारा मीडिया को उपलब्ध कराई गई प्रेस रिलीज (डेली क्राइम रिपोर्ट) बकायेदार कारोबारी को दूसरी कंपनियों से सेल्स टैक्स जमा करने वाला ‘एजंट और फ्रॉड’ करार दिए जाने से कारोबारी की बेवजह बदनामी हुई है, यह शिकायत संबंधित कारोबारी ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के जरिये की है।
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धर्मेंद्र उर्फ बबलू सोनकर पिंपरी चिंचवड़ के बिल्डर और उद्योगपति के साथ केंद्रीय अनुसूचित जाति आयोग के महाराष्ट्र समन्वयक भी रह चुके हैं। आज उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए उपरोक्त शिकायत की है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि,  दस साल से उनका रिद्धि सिद्धि एंटरप्राइजेज नाम से ट्रेडिंग का कारोबार था जिसे तीन साल पहले बन्द कर उसका लाइसेंस सरकार को जमा कर दिया गया है। जब यह कारोबार शुरू था तब खोपोली स्थित नैमको नामक कंपनी को ऑइल की आपूर्ति की थी जिसका 72 लाख रुपए का बिल बकाया है। इस वजह से इस बकाए बिल का सेल्स टैक्स चुकाना बाकी था। यह बिल अब तक बकाया रहने से सेल्स टैक्स भी बकाया रह गया है।
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इस बीच ट्रेडिंग का कारोबार बंद कर उसका लाइसेंस सरकार को जमा कर दिया गया। हालांकि सेल्स टैक्स विभाग के सहायक आयुक्त प्रकाश कुलकर्णी ने उनकी कंपनी के नाम 9 लाख 94 हजार रुपए के बकाए की नोटिस भेजी है। उन्हें संबंधित कंपनी से बिल बकाया रहने की जानकारी से अवगत कराया गया। खुद उन्होंने भी संबंधित कंपनी और हमारी कंपनी के बीच सुलह कराने की कोशिश की। इसके बावजूद नैमको कंपनी ने बिल नहीं दिया। इसके बाद कुलकर्णी ने हमारे खिलाफ पिंपरी पुलिस में बकाए सेल्स टैक्स को लेकर शिकायत दर्ज कराई। पुणे पुलिस द्वारा मीडिया को जारी की गई क्राइम रिपोर्ट में मुझे सेल्स टैक्स वसुलनेवाला एजंट बताया। इसके चलते उनकी काफी बदनामी हुई है और उनके कारोबार के साथ ही सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर भी गहरा असर पड़ा है।
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कारोबारी सोनकर ने यह भी बताया कि वे सेल्स टैक्स चुकाने तैयार थे मगर उसके लिए उन्हें संबंधित कंपनी से 70 लाख से भी ज्यादा का बकाया बिल मिलना जरूरी है। पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद उन्होंने बकाए सेल्स टैक्स की मूल नौ लाख 94 हजार रुपए की राशि चुका दी है। बकाए पर दस लाख चार हजार 223 रुपए ब्याज और चार लाख 85 हजार 134 रुपए शास्ति (जुर्माना) को लेकर अपील का दावा दाखिल किया गया है। इसकी सुनवाई होनी बाकी है। सेल्स टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी हमारी है, इस बात से हमें इनकार नहीं है। मगर सम्बंधित कंपनी से बकाया बिल वसूल होना भी जरूरी है। साथ ही पुलिस ने जिस तरीके से मामला दर्ज किया और उन्हें फ्रॉड और एजंट बताया वह गलत है।