जर्मन बेकरी कांड के आरोपी यासीन भटकल पर आरोप तय 

पुणे : समाचार ऑनलाईन – जर्मन बेकरी विस्फोट के मास्टरमाइंड तथा प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक कुख्यात आतंकी यासीन भटकल उर्फ शिवानंद (निवासी-भटकल, जिला-कनडा, कर्नाटक) को सोमवार को पुणे में विशेष न्यायाधीश के।डी।वडणे की कोर्ट में पेश किया गया। विशेष न्यायालय में आरोप तय किए गए हैं। फिलहाल भटकल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है सुरक्षा कारणों से वहां से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उसे पेश किए जाने की मांग सरकारी पक्ष ने की थी, लेकिन यासीन के वकील जहीर खान पठान ने उसका विरोध करते हुए उसे कोर्ट में पेश करके ही मामले की सुनवाई करने की मांग की। उसने इस प्रकार की अर्जी कोर्ट में पेश की है। इस पर 15 जून को सुनवाई होगी।

यासीन भटकल पर आरोप सिद्ध करते वक्त उस पर लगाए गए आरोपों की जानकारी दी गई। उसने खुद को निर्दोष बताया। उसने हैदराबाद के कुछ मामलों में उसे निर्दोष बरी किए जाने की भी बात कही। उल्लेखनीय है कि भटकल को इससे पहले हैदराबाद में बम विस्फोट के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। यासीन भटकल पर सन् 2014 में चार्जशीट पेश की गई थी। केवल हैदराबाद में चल रही मामले की सुनवाई के जर्मन बेकरी मामले की सुनवाई शुरू नहीं हो पाई थी। फिलहाल किसी मामले की सुनवाई जारी नहीं होने के कारण उसे कोर्ट में लाकर ही मामले की सुनवाई किए जाने की मांग बचाव पक्ष के वकील जहीर खान पठान ने की।

जर्मन बेकरी बम विस्फोटः फ्लैश बैक

13 फरवरी 2010 की शाम 6 बजकर 50 मिनट पर कोरेगांव पार्क स्थित जर्मन बेकरी में जोरदार बम विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में 17 व्यक्तियों की मौत हो गई थी तथा करीब 56 लोग घायल हो गए थे। मृतकों में 5 तथा घायलों में 10 विदेशी नागरिक शामिल थे। इस घटना की रिपोर्ट बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में दर्ज होने के बाद इसकी जांच को एटीएस को सौंपी गई थी। इस विस्फोट में आरडीएक्स का उपयोग किया गया था। घटनास्थल पर यासीन भटकल द्वारा बम रखे जानकारी भी जांच में मिली थी। घटना के बाद से फरार था यासीन

जर्मन बेकरी-कांड के बाद से यासीन फरार था। आईबी और रॉ की संयुक्त कार्रवाई में यासीन को नेपाल की सीमावर्ती सोनाली गांव से गिरफ्तार किया गया था। उसे 13 मार्च 2014 को एटीएस को सौंप दिया गया था।
इसके बाद उसे 14 मार्च 2014 को पुणे कोर्ट में पेश किया जाना था लेकिन उसे प्रत्यक्ष या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश नहीं किया जा सका। भटकल जर्मन बेकरी-कांड में 22 अगस्त 2014 के बाद  पांच सालों में 80 से अधिक तारीखों पर उपस्थित नहीं हुआ। भटकल और उसके साथियों का पुणे सहित मुंबई, हैदराबाद, बंगलुरु, सूरत और वाराणसी में हुए बम विस्फोटों में हाथ है। जर्मन बेकरी-कांड में मिर्जा हिमायत इनायत बेग उर्फ अहमद बेग इनायत मिर्जा उर्फ यूसुफ के शामिल होने के कारण उसे 7 सितंबर 2010 को गिरफ्तार किया  गया था। इस प्रकरण में सत्र न्यायालय ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी परंतु सबूतों के अभाव में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को कम किया था।

यासीन भटकल का नाम मोहम्मद अहमद सिद्दीप्पा है। वह कर्नाटक का रहने वाला है। उसकी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा भटकल में ही हुई। दसवीं में फेल होने के बाद वह नवंबर 2005 में दुबई गया। जनवरी 2007 से वह दुबई से गायब हो गया। उसने नई दिल्ली की जाहिदा नाम की एक लड़की से शादी की। 2010 से उसने नेपाल के पोखरा में यूनानी डॉक्टर के साथ काम भी किया।