पाक की कैद से छूटे जवान ने जताई सेना से सेवामुक्त होने की इच्छा

पुणे। समाचार एजेंसी

नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर पाकिस्तान पहुंचे और वहां की कैद में चार महीने बिताने वाले भारतीय सेना के जवान चंदू चव्हाण ने खुद को सेना से सेवामुक्त होने की इच्छा जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चव्हाण को फिलहाल इलाज के लिए खड़की मिलिट्री अस्पताल के मनोचिकित्सा वार्ड में भर्ती कराया गया है। उन्होंने अस्पताल से ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर भारतीय सेना से सेवामुक्त करने की अपील की है। हांलाकि सेना से इस खबर की पुष्टि नहीं हो सकी है।

ज्ञात हो कि, चव्हाण 18 महीने पहले भटककर एलओसी पार करके पाकिस्तान चले गए थे, जिसके बाद उन्हें वहां की जेल में चार महीने तक कैद करके रखा गया। चार महीने के बाद पाकिस्तान ने 24 वर्षीय चव्हाण को भारत के हवाले कर दिया था। देश लौटने के बाद चव्हाण को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का सामना करना पड़ा था और उसके बाद उसे सजा भी भुगतनी पड़ी। इसके सबके बाद चव्हाण को आर्म्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल, अहमदनगर भेज दिया गया था। जहां से तीन सप्ताह पहले चव्हाण को इलाज के लिए मिलिट्री अस्पताल भेज दिया गया।

खबरों के अनुसार, अस्पताल से ही चव्हाण ने भारतीय सेना को पत्र लिखकर खुद को सेवामुक्त कर देने की इच्छा जाहिर की। खत में लिखा है कि, वे मिलिट्री अस्पताल के मनोचिकित्सा वार्ड में इलाज के लिए पिछले 20 दिनों से भर्ती हैं। इसमें अपने अधिकारियों से प्रार्थना की गई है कि उन्हें सेवामुक्त किया जाए, क्योंकि कुछ समय पहले जो कुछ उनके साथ घटित हुआ है, उसके बाद उनके लिए नौकरी करना कठिन हो गया है। इसके साथ ही चव्हाण ने सेना छोड़ने के बाद एक सामान्य जीवन जीने की इच्छा भी जाहिर की है। हालांकि अभी तक चव्हाण के पत्र के बारे में सेना ने पुष्टि नहीं की है।