अब प्रभाग स्वीकृत सदस्य चुनाव बना सत्ताधारी भाजपा का सिरदर्द

24 सीटों के 159 नामांकन हुए दाखिल

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

मिनी मनपा का दर्जा हासिल क्षेत्रीय या प्रभाग समिति स्वीकृत सदस्य पद के चुनाव सत्ताधारी भाजपा के लिए सिरदर्द साबित होने के आसार तेज हो गए हैं। आठ क्षेत्रीय कार्यालयों की 24 सीटों के लिए आज नामांकन दाखिल करने की अंतिम मियाद में कुल 159 नामांकन पर्चे दाखिल हुए हैं। हांलाकि नामांकन पर्चों की छंटनी में कितने पर्चे वैध साबित होंगे? यह अभी तय होना बाकी है, मगर ‘एक अनार, सौ बीमार’ वाली स्थिति कायम रहने से सत्ताधारी दल की मुश्किलें बढ़ना निश्चित है।

क्षेत्रीय कार्यालय समितियों को संवैधानिक दर्जा प्राप्त रहने से उनका राजनीतिक महत्व भी अहम है। क्योंकि ये समिति क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर अहम फैसले करने और लोगों के रोजमर्रे के मसलों को हल करने में अहम भूमिका निभाती हैं। इन समितियों पर तीन-तीन स्वीकृत सदस्य नियुक्ति का प्रावधान है। हांलाकि ये सदस्य स्वयंसेवी संस्था संगठनों से जुड़े रहने की अनिवार्यता है, मगर इसकी आड़ में सियासी दलों ने इन पदों को कार्यकर्ताओं के राजनीतिक पुनर्वसन का केंद्र बना कर रख दिया है।

मनपा प्रशासन ने अपने आठ क्षेत्रीय कार्यालय की समितियों पर स्वीकृत सदस्यों की नियुक्ति करने के लिहाज से 11 अप्रैल तक आवेदन देने की अपील की थी। आज आखिरी दिन तक प्रति क्षेत्रीय कार्यालय समिति में तीन के हिसाब से स्वीकृत सदस्य की 24 सीटों के लिए 159 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें मनपा के ब क्षेत्रीय कार्यालय में सर्वाधिक 29 और ई क्षेत्रीय कार्यालय में सबसे कम 13 आवेदन मिले हैं। अ क्षेत्रीय कार्यालय में 27, ब क्षेत्रीय कार्यालय में 29, क क्षेत्रीय कार्यालय में 19, ड क्षेत्रीय कार्यालय में 15, ई क्षेत्रीय कार्यालय में 13, फ क्षेत्रीय कार्यालय में 24, ग क्षेत्रीय कार्यालय में 18 और ह क्षेत्रीय कार्यालय में 15 आवेदन पेश हुए हैं।

सभी क्षेत्रीय कार्यालय की समितियों में भाजपा का वर्चस्व रहने से सभी 24 सीटों पर उसके सदस्यों का निवार्चन तय है। मगर 159 आवेदन मिलने से सत्ताधारी दल की दिक्कतें बढ़ गई हैं। प्राप्त आवेदनों की छंटनी के बाद 13 अप्रैल को वैध व अवैध आवेदनों की सूची जारी की जायेगी। इस सूची पर 17 अप्रैल तक लिखित रूप से आपत्ति दर्ज कराई जा सकेगी। 26 अप्रैल को वैध आवेदनों की सूची जारी की जाएगी। इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय समितियों की विशेष सभाओं का आयोजन कर इस सूची को पेश किया जायेगा और उनमें से तीन- तीन सदस्यों को चुना जाएगा। बहरहाल इतने आवेदनो में से अपने समर्थकों को मौका देना भाजपा के स्थानीय नेताओं के लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं होगा।