सत्ताधारी भाजपा का पालकमंत्री को ही झटका!

सोशल मीडिया के नाम पर जनसम्पर्क विभाग के निजीकरण का प्रस्ताव खारिज

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

पिंपरी चिंचवड मनपा की विभिन्न योजनाओं, जनहित के फैसलों, कल्याणकारी उपक्रमों, विकास परियोजनाओं को प्रभावी रूप से लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल और उसके लिए समन्वयक संस्था की नियुक्ति का विवादित प्रस्ताव आज आखिरकार स्थायी समिति ने खारिज कर दिया। यह प्रस्ताव मनपा के जनसम्पर्क विभाग के निजीकरण के समान बताकर विपक्षी दलों के साथ ही शहर के सामाजिक संस्था- संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। खुद सत्ताधारी भाजपा के खेमे से भी इस प्रस्ताव के प्रति नाराजगी जताई गई। इसके चलते यह प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया गया। सत्ताधारी दल का यह फैसला पालकमंत्री गिरीश बापट के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि जिस संस्था को समन्वयक के तौर पर नियुक्त किया जाना था वह उनके करीबी बताई जा रही है।

मनपा की विभिन्न योजनाओं, जनहित के फैसलों, कल्याणकारी उपक्रमों, विकास परियोजनाओं को प्रभावी रूप से लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया के साथ ही रेडियो, जिंगल्स, डॉक्यूमेंटरी फिल्म्स, शॉर्ट फिल्म्स, लाँग फिल्म्स के जरियों का इस्तेमाल करने का फैसला सत्ताधारी दल ने किया था। इसके लिए 25 लाख रुपए के खर्च पर एक सोशल मीडिया समन्वयक संस्था की नियुक्ति करना निश्चित किया गया। इसका प्रस्ताव स्थायी समिति के समक्ष मान्यता हेतु पेश किया गया था। इस प्रस्ताव पर विपक्षी दलों और नागरी हक सुरक्षा समिति समेत अन्य सामाजिक संस्था- संगठनों ने विरोध जताते हुए मनपा अधिकारियों को घर भेजकर पूरा कामकाज ही सलाहकारों के माध्यम से चलाने की उपरोधिक मांग की। अखबारों व डिजिटल मीडिया में इसकी खबरें प्रसारित होने के बाद खुद भाजपा के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने भी सलाहकारों की नियुक्ति पर आपत्ति जताने की आड़ में इस प्रस्ताव का विरोध जताया। आखिरकार आज स्थायी समिति की बैठक में यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया।