मुंबई: पुणे समाचार ऑनलाइन
इंडियन प्रीमियर लीग याने आईपीएल के पुणे के गहुन्जे स्थित स्टेडियम में होनेवाले मैंचों पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे में आईपीएल के मैचों के लिए पवना डैम से पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। बुधवार को उच्च अदालत ने कहा कि मैचों की तैयारी हेतु स्टेडियम के रखरखाव में अगले आदेश तक डैम का पानी उपयोग नहीं किया जा सकता। बहरहाल मावल तहसील के किसानों ने भी मैचों के लिए पवना डैम से पानी इस्तेमाल का विरोध जताया है।
कावेरी जल विवाद के कारण हिंसा के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स के घरेलू मैचों को चेन्नई से पुणे स्थानांतरित किया गया है।बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन से पूछा था कि, पुणे में होने वाले आईपीएल के छह मैचों के लिए क्या वह मनपा से अतिरिक्त पानी की मांग करेगा? जवाब में महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन ने बताया कि वह मैदान के रखराखाव के लिए मनपक से नहीं, बल्कि पवना डैम से पानी ले रहा है। इसके लिए राज्य के सिंचाई विभाग से करार भी किया है, जिसके तहत पवना डैम से 2.4 लाख लीटर पानी उसे मिलेगा। हाईकोर्ट ने एसोसियेशन से बुधवार को करार की कॉपी पेश करने को कहा था।
इसके बाद हुई आज सुनवाई में हाईकोर्ट ने पवना डैम से पानी के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। न्यायाधीश एएस ओखा और रियाज छागले की खंडपीठ 2016 में लोकसत्ता आंदोलन एनजीओ से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में महाराष्ट्र में आईपीएल मैचों के आयोजन का विरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य सूखे की चपेट में है और ऐसे मैदान के प्रबंधन के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले अप्रैल 2016 में भी महाराष्ट्र में आईपीएल के दौरान सूखे की समस्या हुई थी। उस समय भी महाराष्ट्र में लीग के मैचों के आयोजन पर विवाद हुआ था।