उद्धव ठाकरे की नाराजगी को दूर करें, भाजपा शिवसेना को मिलकर काम करना चाहिए – रामदास आठवले

पुणे समाचार

महाराष्ट्र का विकास अगर चाहते हैं, तो भाजपा शिवसेना को साथ मिलकर ही काम करना होगा। उद्धव ठाकरे भाजपा से अलग होने का जो निर्णय लिया है, वो पूरी तरह से गलत है। बालासाहेब ठाकरे जब थे तो उन्हें भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र से संबंधित विकास काम किए। उद्धव ठाकरे को मैं गुजारिश करना चाहूंगा कि जो भी आपसी वाद विवाद है, उन्हें आपस में सुलझा लिया जाए। शिवसेना पार्टी को लेकर जो भी निर्णय लेना है बालासाहेब ठाकरे को ध्यान में रखकर लिया जाए। मैंने दिल्ली तक प्रधानमंत्री के कान में यह बात पहुंचा दी है कि उद्धव ठाकरे की जो भी नाराजगी है, उसे दूर कर दें। इस संबंध में मैंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस को भी कहा कि मीडियेटर बनकर इस मसले को सुलझाएं। ऐसे विचार रिपब्लिकन पार्टी के नेता और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले ने व्यक्त किए हैं।

रिपब्लिकन पार्टी की ओर पुणे के क्वीन्स गार्डन स्थित वीवीआईपी सर्किट हाऊस में प्रेस कॉफ्रेस आयोजित की गई थी, जिसमें 27 मई को पुणे के आरटीओ कार्यालय के पास एसएसपीएम मैदान में राज्यव्यापी अधिवेशन 27 मई को लेने संबंधित यह परिषद ली गई थी। इस दौरान ऐसे विचार रामदास आठवले ने व्यक्त किए। साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कितनी भी टिपप्णी करें या खरी खोटी सुनाए। उससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है, उल्टा नरेंद्र मोदी टिप्पणी सुनने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उनका मानना है कि टिप्पणी सुनने से हमें यह पता चलता है कि हमें और क्या क्या सुधार करना है। राहुल गांधी कितने भी सुनहरे सपने देख लें, देश के प्रधानमंत्री 2019 में भी नरेंद्र मोदी ही बनेंगे और उनके ही नेतृत्व में पुणे में भव्य राज्यव्यापी अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग शामिल होंगे।

साथ ही उन्होंने कहा कि भले प्रकाश आंबेडकर उन्हें नहीं पहचानते होंगे, पर मैं उनको पहचानता हूं और दलित अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हमेशा उनके साथ हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस को मैं अव्हान करता हूं कि नक्सलवादियों के नाम पर भले लोगों को बदनाम न करें। नक्सलवादियों की सर्च के नाम पर अच्छे लोगों को परेशान न करें। कोरेगांव भीमा मामले में अगर गंभीरता से जांच करना है तो संभाजी भिडे से फिर से पूछताछ करें, क्योंकि कानून के आगे कोई भी बड़ा नहीं है। जल्द से जल्द मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करे।

अट्रॉसिटी कानून से छेड़छाड़ करने का हक सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं है, कानून से संबंधी मामले की जांच पर सुप्रीम कोर्ट सवाल उठा सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट को कोई अधिकार नहीं है कि वो अट्रॉसिटी कानून में बदलाव करने का आदेश दिए। अट्रॉसिटी कानून में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा, इसलिए इस संबंध में नाहाक परेशान होने की जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी की ओर से 2 मई को राज्य के विभिन्न जिलों में आरक्षण कानून को लेकर प्रोमोशन किया जाएगा।