एक मासूम ने बदली जिंदगी; लाखों का पैकेज छोड़ शुरू की भिक्षावृत्ति रोकने की मुहिम

नई दिल्ली। एजेंसी

दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगने वाले एक मासूम ने मेकेनिकल इंजीनियर आशीष शर्मा की जिंदगी का लक्ष्य ही बदल दिया। लाखों रुपये पैकेज की नौकरी छोड़कर बाल भिक्षावृत्ति रोकने की मुहिम पर निकल पड़ा। इंजीनियर आशीष 5408 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर शुक्रवार को पीतल नगरी पहुंचा। मुरादाबाद में उसने हिंदू कालेज समेत आधा दर्जन स्कूलों में पहुंचकर बाल भिक्षावृत्ति के प्रति छात्र एवं छात्राओं को जागरूक किया।

दिल्ली के समयपुर बादली में रहने वाले 29 साल के आशीष शर्मा ने 22 अगस्त 2017 से बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ जम्मू के ऊधमपुर से अपनी जनजागरूकता पैदल यात्रा शुरू की। जम्मू, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, दमन, महाराष्ट्र, गोवा, उत्तराखंड की पैदल यात्रा कर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद पहुंचे। वो अब तक 5408 किमी की यात्रा कर लोगों को जागरूक कर चुके हैं। पैदल यात्रा के दौरान वो स्कूल, कालेज में जाते हैं। वहां विद्यार्थियों को जागरूक करते हैं। डीएम और एसएसपी के अलावा क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं और एनजीओ से जुड़े लोगों से मिलते हैं। मुरादाबाद में उन्होंने हिंदू मंडल किसैराल के महामंत्री आशीष चंद्र त्रिवेदी के साथ स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि, भीख मांगना अपराध है। कुछ लोग बच्चों से भीख मंगवाते हैं। बच्चों पर तरस खाकर हम उन्हें भीख देकर खुद भी गुनाह में शामिल हो जाते हैं। आशीष के मुताबिक रामेश्वरम में यात्रा का समापन करेंगे।

आशीष सुबह सात बजे से अपनी पैदल यात्रा शुरू करते हैं। यात्रा रात दस बजे तक जारी रहती है। रात में धर्मशाला, गुरुद्वारे और मंदिर में शरण लेते हैं। जिस शहर के लिए यात्रा शुरू करनी होती है एक दिन पहले फेसबुक के माध्यम से इसे जारी करते हैं। कई एनजीओ और फेसबुक दोस्त उनका स्वागत कर खाने एवं रहने की व्यवस्था कर देते हैं। आशीष के कई दोस्त आईएएस, आईपीएस और इंजीनियर हैं। यात्रा का खर्च उन्हीं दोस्तों से चलता है। आशीष की दिसंबर 2017 में शादी हुई है। पत्नी यूपीएससी की तैयारी कर रही है। पत्नी को आशीष पर गर्व है और उसे प्रेरित करती हैं। परिवार में पिता दिल्ली में एक कंपनी के स्टेट मैनेजर और भाई दिल्ली हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं।

आशीष के मुताबिक जिस मासूम ने उसकी जिंदगी का मकसद बदल दिया वो अब कक्षा 7वीं में पढ़ता है। यात्रा के दौरान उन्होंने भीख मांगने वाले सैकड़ों बच्चों को एनजीओ के माध्यम से स्कूल में दाखिला कराया है।