पति की क्रूरता की शिकार 75 वर्षीय महिला को मिला न्याय

पुणे फैमिली कोर्ट का आदेश, 10 हजार रुपए महीना गुज़ारा भत्ता देगा पति

पुणे: पुणे समाचार
काफी समय से पति की प्रताड़ना झेल रही 75 वर्षीय महिला को फैमिली कोर्ट से न्याय मिला है। अदालत ने पति को 10 हजार रुपए महीना गुज़ारा भत्ता देने का आदेश दिया है। पीड़ित महिला और उसका पति दोनों रिटायर्ड प्रोफेसर हैं।

पीड़िता और उसके पति की यह दूसरी शादी थी। पहली पत्नी की मौत के बाद आरोपी ने उससे शादी की थी। पहली पत्नी से उसकी दो बेटियां हैं। पीड़ित महिला जब माँ नहीं बन पाई, तो आरोपी ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने तीसरी शादी की। दूसरी पत्नी की जमापूंजी हड़पने के बाद आरोपी उसे से घर से बाहर करने की साजिश रचने लगा।

छोड़कर भाग गया
2015 में बकरीद के मौके पर पीड़िता और उसका पति किसी रिश्तेदार के यहाँ जा रहे थे तभी वह स्कूटर से गिर गई। लेकिन उसका इलाज कराने के बजाए आरोपी उसे वहीं छोड़कर भाग गया। आसपास के लोगों के किसी तरह पीड़िता को घर पहुंचाया। रिश्तेदारों के समझाने पर आरोपी ने अपनी दूसरी पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती तो कराया, लेकिन धोखे से चेक पर हस्ताक्षर करवाकर उसकी बची हुई पूंजी भी हड़प ली। तब से पीड़िता अपनी बहन के घर रह रही थी।

रहने की व्यवस्था भी कराओ
पीड़ित महिला ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया था, जिस पर अदालत ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने पति को हर महीने पीड़िता को 10 हजार रुपए गुज़ारा भत्ता देने का आदेश दिया और साथ ही उसके अलग रहने की व्यवस्था कराने को भी कहा। इस मामले में पीड़िता का पक्ष एड. अक्षया ढवले-आठवले और एड. नमिता कान्हूरकर-रेडीज ने रखा।