पुणे समाचार एक्सक्लुसिव: रॉंग नम्बर पर आए एसएमएस ने की पिंपरी चिंचवड़ मनपा के पारदर्शिता की पोलखोल!

नगररचना विभाग के भ्रष्ट तंत्र को किया बेनकाब

संतोष मिश्रा

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

स्थानीय निकायों का भ्रष्टाचार से नाता कोई नई बात नहीं है, उसी में जब बात पिंपरी चिंचवड़ मनपा की हो तो हैरत जताने जैसी कोई बात ही नहीं। क्योंकि एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा लगातार की गई कार्रवाइयों से मनपा का भ्रष्ट तंत्र कईयों बार बेनकाब हो चुका है। हांलकि अब ‘रॉंग नम्बर’ को भेजे गये एक एसएमएस ने मनपा के नगररचना विभाग के ‘अंडर टेबल’ की कार्य प्रणाली पर से पर्दा उठा दिया है। इस एसएमएस ने न केवल नगररचना विभाग के भ्रष्ट तंत्र को बेनकाब किया, बल्कि पारदर्शिता का ढिंढोरा पीटनेवाले मनपा प्रशासन की पोलखोल भी करके रख दी है।

गलती से किस नम्बर पर आया एसएमएस

यह एसएमएस शहर के नामी बिल्डर ने नगररचना विभाग के एक आला अधिकारी को भेजा था, जो गलती से ‘पुणे समाचार’ संवाददाता के मोबाइल फोन पर डिलीवर हो गया। हमने अंग्रेजी में भेजे गए इस एसएमएस की तह तक जाने की कोशिश की, सम्बंधित बिल्डर से भी इसके बारे में पूछताछ की। तब यह एसएमएस नगररचना विभाग के आला अधिकारी को भेजे जाने की बात सामने आई, जिससे इस विभाग में चलनेवाली ‘अंडर टेबल’ की कार्यप्रणाली का पर्दाफाश हो गया है। इस एसएमएस ने शहर के भूतपूर्व महापौर आरएस कुमार के आरोप की भी याद दिला दी जिसमें उन्होंने नगररचना और निर्माण कार्य अनुमति विभागों में एक फाइल के टेबल टू टेबल के सफर और ‘चढ़ावे’ की पूरी श्रृंखला का रहस्योजागर किया था।

क्या लिखा है इस एसएमएस में

असल में ‘रॉंग नम्बर’ को भेजे गए इस एसएमएस में सम्बंधित बिल्डर ने अपनी एक फ़ाइल के पेंडिंग रखे जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उसने नगररचना विभाग में बिल्डरों से ‘अंडर टेबल’ पैसे लेने के बाद ही फाइल मंजूर होने का आरोप भी शिकायतकर्ता बिल्डर ने लगाया है। जिस अधिकारी को यह एसएमएस भेजा जाना था, उसपर पब्लिक ऑफिस में बिल्डरों से अंडर टेबल पैसे लेकर किस तरह से पैसे लिए जाते हैं, और वे किस तरह की मीटिंगें कंडक्ट करते हैं? इसके बारे में उन्हें पता है। इससे पहले 10 सबूत के साथ मनपा आयुक्त से शिकायत की थी, मगर अब सीधे एंटी करप्शन ब्यूरो से शिकायत करने की चेतावनी इस बिल्डर ने दी है।

सभी आरोपों के हैं पुख्ता प्रमाण

सम्बंधित बिल्डर ने नगररचना विभाग के जिस आला अधिकारी को यह एसएमएस भेजा है, उसमें उसके भ्रष्ट तंत्र को उजागर करने के साथ ही खदान, रेडझोन, सर्वे नम्बर 444, मोशी व झीलों से सम्बन्धी उन मंजूरियों का भी पर्दाफाश करने की चेतावनी दी है, जो नियमानुसार बिल्कुल भी नहीं है। इस बिल्डर ने हमारे संवाददाता से की गई बातचीत में उसके पास उसके लगाए हर आरोप के पुख्ता सबूत रहने का दावा किया है, जो वह कभी भी पेश करने को तैयार है। यह एसएमएस भले ही एक बिल्डर की एक वरिष्ठ अधिकारी के उसकी फ़ाइल मंजूर न करने को लेकर दी गई चेतावनी हो, मगर इससे नगररचना विभाग के भ्रष्ट कामकाज पर से पर्दा उठ गया है। साथ ही पारदर्शी कामकाज का ढोल पीटने वाले मनपा प्रशासन के पारदर्शिता की भी पोलखोल हो गई है।