पूर्व उपमहापौर दीपक मानकर को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

मुंबई। पुणे समाचार ऑनलाइन

आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फरार चल रहे पुणे के पूर्व उपमहापौर व राष्ट्रवादी कांग्रेस के मौजूदा नगरसेवक दीपक मानकर की मुश्किलें कहीं कम होते नजर नहीं आ रही। उनकी गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी पर मुंबई हाईकोर्ट की तीसरी बेंच ने भी सुनवाई लेने से मना कर दिया है। इससे पहले न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति साधना जाधव की बेंच मानकर की अर्जी पर सुनवाई करने से इंकार कर चुका है। बुधवार को न्यायमूर्ति प्रकाश नाईक ने भी सुनवाई से मना कर दिए जाने से मानकर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब उन्हें फिर नये से नई बेंच के समक्ष याचिका दायर करनी होगी।

पुणे शहर पुलिस के ‘गनमैन’ के तौर पर परिचित शैलेश जगताप के भाई जितेंद्र जगताप ने चंद दिनों पहले हड़पसर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या की है। मरने से पहले लिखे सुसाइड नोट में उन्होंने नगरसेवक दीपक मानकर, बिल्डर सुधीर कर्नाटकी, विनोद भोले औऱ अन्य लोगों के नाम लिखकर अपनी मौत के उन्हें जिम्मेदार ठहराया है। समर्थ पुलिस थाने के सामने की एक जमीन के व्यवहार में उनका विवाद चल रहा था। पुणे लोहमार्ग पुलिस ने मानकर व अन्य लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।

बाद में इस मामले की जांच को समर्थ पुलिस को सौंप दिया गया। इस मामले की जांच में समर्थ पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए दीपक मानकर ने पहले पुणे जिला सत्र न्यायालय में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, मगर यहां से भी उन्हें राहत नहीं मिल सकी है। अब तक उच्च न्यायालय की दो बेंचों ने मानकर की अर्जी पर सुनवाई लेने से मना कर दिया। न्यायमूर्ति प्रकाश नाइक की बेंच ने भी इंकार किये जाने से मानकर की मुश्किलें बढ़ गई हैं।