‘बड़े’ प्रस्तावों का ‘जुगाड़’ न होने से स्थगित हुई स्थायी समिति की बैठक

6 ठी सभा तक भी नहीं खत्म हुआ ‘इंतजार’
पिम्परी। पुणे समाचार 

नियुक्ति और सभापति चुनाव के बाद 6 सभाएं हो चुकी, फिर भी स्थायी समिति के नए सदस्यों का ‘मीटर’ शुरू न हो सका है। ‘बड़े’ प्रस्तावों का इंतजार अभी भी जारी ही है, कोई ‘जुगाड़’ भी नहीं हो पा रहा। बुधवार को छठी सभा के विषयपत्र में भी कोई ‘खास’ प्रस्ताव न थे, नतीजन यह सभा स्थगित कर दी गई। हांलाकि स्थगन के लिए पूर्व गृह राज्यमंत्री व वरिष्ठ समाजवादी नेता भाई वैद्य के देहांत का कारण बताया गया। इस सभा में भाई वैद्य को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभा की अध्यक्षता स्थायी समिति अध्यक्ष ममता गायकवाड़ ने की।

ड्रॉ के जरिए पिम्परी चिंचवड़ मनपा के 8 सदस्यों के  ‘आउट’ होने के बाद नए सदस्यों की नियुक्ति के बाद भारी घमासान के बीच सभापति चुनाव सम्पन्न हुआ। इसके बाद ज्यादा सदस्यों को मौका देने के लिहाज से स्थायी समिति सदस्यों का कार्यकाल दो की बजाय एक वर्ष तय करने की नीति के अनुसार सत्ताधारी भाजपा द्वारा ड्रॉ से बचे हुए अपने अन्य छः सदस्यों के इस्तीफे लिए गए। इन रिक्त पदों पर भी नए सदस्यों की नियुक्ति हो गई। इन तमाम गतिविधियों के जारी रहने के दौर से अब तक 5 सभाएं हुई, आज 6ठी सभा बुलाई गई थी।

वरिष्ठ समाजवादी नेता भाई वैद्य को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद यह सभा स्थगित की गई। हांलाकि कुछ देर के स्थगन के बाद सभा का कामकाज पूरा किया जा सकता था। स्थगन के लिए भले ही श्रद्धांजलि का कारण बताया गया हो, मगर असली वजह सभा के समक्ष ‘खास’ प्रस्ताव नहीं रहने और साथ ही मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर की गैरमौजूदगी रही। असल में स्थायी समिति की नई टीम को 5-5 सभाओं के बाद भी ‘बड़े’ प्रस्तावों का इंतजार करना पड़ रहा है। गत पूरा माह सियासी घमासान, बजट और ईयर एंडिंग में ही बीता। अप्रैल माह से नई टीम को काफी ‘उम्मीदें’ हैं, मगर इसकी भी ‘शुरुआत’ खास नहीं रही।